चर्चा में क्यों ?
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली में 14वीं पेंशन अदालत की अध्यक्षता की। यह अदालत पेंशनभोगियों और उनके परिवारों की शिकायतों के समाधान के लिए आयोजित की गई थी।

मुख्य विशेषताएँ :
- शिकायतों का निवारण – इस पेंशन अदालत में विभिन्न 21 मंत्रालयों और विभागों से संबंधित 894 पारिवारिक पेंशन मामलों की सुनवाई और निवारण किया गया।
- उद्देश्य –
- पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान उपलब्ध कराना।
- पेंशन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना।
- पेंशनभोगियों की गरिमा और वित्तीय सुरक्षा को सुदृढ़ करना।
- मंत्रालय की प्रतिबद्धता – कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वह
- शिकायतों का तेजी से निपटारा करेगा।
- पेंशन प्रणाली को सरल, पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
महत्व:
- पेंशन अदालतें सरकार और पेंशनभोगियों के बीच प्रत्यक्ष संवाद का मंच प्रदान करती हैं।
- इससे उन परिवारों को राहत मिली जिनकी आजीविका का आधार पारिवारिक पेंशन है।
- यह पहल सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय और सुशासन की दिशा में सरकार का ठोस कदम मानी गई।
प्रश्न: 14वीं पेंशन अदालत की अध्यक्षता किसने की ?
(a) नरेंद्र मोदी
(b) राजनाथ सिंह
(c) अमित शाह
(d) डॉ. जितेंद्र सिंह
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