New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

सरोगेसी कानून में आयु सीमा से संबंधित मुद्दे

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान व निकाय)

संदर्भ 

वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय ने सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 द्वारा विशेष रूप से गर्भावधि सरोगेसी का उपयोग करने की इच्छुक महिलाओं पर लगाए गए आयु प्रतिबंधों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021

  • जनवरी 2022 में अधिनियमित ‘सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021’ व ‘सहायक प्रजनन तकनीक (विनियमन) अधिनियम, 2021’ दोनों व्यावसायिक सरोगेसी पर प्रतिबंध लगाते हैं और केवल परोपकारी सरोगेसी की अनुमति देते हैं।
  • इच्छुक दंपत्ति के लिए आयु सीमा:
    • महिलाएँ: 23 से 50 वर्ष
    • पुरुष: 26 से 55 वर्ष
  • केवल विवाहित भारतीय युगल ही सरोगेसी का विकल्प चुन सकते हैं (कुछ अपवादों के साथ)।
  • इस प्रक्रिया के लिए दम्पति को अनिवार्यता प्रमाणपत्र प्राप्त करना आवश्यक है, जिसमें शामिल हैं- 
  • बांझपन का प्रमाण
    • माता-पिता और अभिरक्षा स्थापित करने वाला न्यायालय का आदेश
    • सरोगेट के लिए बीमा 
  • अविवाहित महिलाएँ केवल तभी पात्र हैं जब वे 35 से 45 वर्ष की आयु के बीच विधवा या तलाकशुदा हों।

सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष उठाए गए मुद्दे

  • याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि आयु सीमा मनमानी है और निम्नलिखित का उल्लंघन करती है-
    • प्रजनन स्वायत्तता का अधिकार (अनुच्छेद 21)
    • समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14)
  • यह उन महिलाओं को असमान रूप से प्रभावित करता है जो चिकित्सा, करियर या व्यक्तिगत कारणों से मातृत्व में देरी कर सकती हैं।
  • सरोगेसी कानून में बदलाव के कारण इस प्रक्रिया में फंसे दंपत्तियों द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में कई रिट याचिकाएँ दायर की गई हैं क्योंकि उन्होंने कानून लागू होने से पहले ही अपना उपचार शुरू कर दिया था किंतु नए कानून की आयु सीमा के कारण वे सरोगेसी के लिए अयोग्य हैं।
  • एकल, अविवाहित महिलाओं के सरोगेसी के माध्यम से माता-पिता बनने के अधिकार को वर्तमान कानून में शामिल नहीं किया गया है।

सरकार का पक्ष 

  • सरकार का तर्क है कि सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 के तहत वैधानिक आयु सीमा चिकित्सा विशेषज्ञों की सिफारिशों पर आधारित है और प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी प्रथाओं के अनुरूप है।
  • इसका उद्देश्य सरोगेसी के दुरुपयोग या व्यावसायीकरण को रोकना है।

अधिनियम से संबंधित चिंताएँ

  • एकल महिलाओं या LGBTQ+ व्यक्तियों को शामिल न किया जाना
  • आधुनिक पारिवारिक संरचनाओं और प्रजनन संबंधी वास्तविकताओं की अनदेखी करने वाले कठोर मानदंड
  • अत्यधिक विनियमन लोगों को अवैध या विदेशी सरोगेसी बाज़ारों की ओर आकर्षित कर सकता है।

न्यायिक दृष्टिकोण 

  • पूर्व में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रजनन अधिकारों को व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अंग के रूप में बरकरार रखा है।
  • वर्तमान सुनवाई अनुच्छेद 21 के तहत प्रजनन स्वायत्तता की कानूनी व्याख्या को आकार दे सकती है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR