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वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग

(प्रारंभिक परीक्षा : महत्त्वपूर्ण आयोग एवं समितियां)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2: शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध, सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्द्ध-न्यायिक निकाय)

संदर्भ 

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश को पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए जिला व ब्लॉक स्तर पर ‘पराली सुरक्षा बल’ (Parali Protection Force) गठित करने का निर्देश दिया है।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM)

  • परिचय : यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एवं आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन    के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है।
  • उद्देश्य : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और आसपास के क्षेत्रों (पड़ोसी राज्यों- पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान) में वायु गुणवत्ता सूचकांक से संबंधित समस्याओं का बेहतर समन्वय, अनुसंधान, पहचान एवं समाधान करना तथा इससे संबंधित या इसके आनुषंगिक मामलों का समाधान करना।
  • संरचना: आयोग में निम्नलिखित शामिल हैं : 
    • एक अध्यक्ष
    • केंद्र सरकार के दो संयुक्त सचिव
    • स्वतंत्र तकनीकी सदस्यों के रूप में वायु प्रदूषण से संबंधित ज्ञान एवं विशेषज्ञता वाले तीन व्यक्ति 
    • गैर-सरकारी संगठनों के तीन सदस्य
  • आयोग के कार्य : 
    • संबंधित राज्य सरकारों (दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश) द्वारा की गई कार्रवाइयों का समन्वय करना।  
    • क्षेत्र में वायु प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए योजनाएँ बनाना और उन्हें क्रियान्वित करना।  
    • वायु प्रदूषकों की पहचान के लिए रूपरेखा प्रदान करना।  
    • तकनीकी संस्थानों के साथ नेटवर्किंग के माध्यम से अनुसंधान एवं विकास करना। 
    • वायु प्रदूषण से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए विशेष कार्यबल का प्रशिक्षण देना और उनका सृजन करना। 
    • विभिन्न कार्य योजनाएँ तैयार करना, जैसे- वृक्षारोपण बढ़ाना और पराली जलाने की समस्या से निपटना।
  • आयोग की शक्तियां : आयोग की शक्तियों में निम्नलिखित शामिल हैं: 
    • वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाली गतिविधियों को प्रतिबंधित करना
    • वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले पर्यावरण प्रदूषण से संबंधित अनुसंधान की जाँच करना एवं संचालन करना 
    • वायु प्रदूषण को रोकने एवं नियंत्रित करने के लिए सहिंता व दिशानिर्देश तैयार करना
    • संबंधित व्यक्ति या प्राधिकरण पर बाध्यकारी निर्देश जारी करना 
  • आयोग के आदेशों या निर्देशों का पालन न करने या उल्लंघन करने पर पाँच वर्ष तक का कारावास और/या 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
  • यह आयोग अधिनियम में परिभाषित मामलों (जैसे- वायु गुणवत्ता प्रबंधन) पर अधिकार क्षेत्र वाला एकमात्र प्राधिकरण है। 
  • किसी भी विवाद की स्थिति में आयोग के आदेश या निर्देश राज्य सरकारों (दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB), राज्य पी.सी.बी. और राज्य स्तरीय वैधानिक निकायों के आदेशों पर प्रभावी होंगे।
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