क्या है : यह भारत की एक अत्याधुनिक, पूर्णतया स्वदेशी व कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित ‘स्वचालित वायु रक्षा नियंत्रण एवं रिपोर्टिंग प्रणाली’ (Automated Air Defence Control and Reporting System: AADCRS) है।
विकास :रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) द्वारा
लागत :1982 करोड़ रुपए
उद्देश्य : भारतीय सेना, वायुसेना एवं भविष्य में नौसेना को एक एकीकृत डिजिटल नेटवर्क में जोड़कर दुश्मन के हवाई खतरों, जैसे- ड्रोन, मिसाइल व विमानों का रीयल-टाइम में पता लगाना, ट्रैक करना और नष्ट करना।
प्रमुख विशेषताएँ
एकीकृत नेटवर्क (C4ISR ढाँचा)
आकाशतीर व्यापक कमान, नियंत्रण, संचार, कंप्यूटर, खुफिया, निगरानी एवं टोही (C4ISR) प्रणाली का हिस्सा है।
यह भारतीय वायुसेना के एकीकृत वायु कमान एवं नियंत्रण प्रणाली (IACCS) और नौसेना के त्रिगुण सिस्टम के साथ समन्वय करता है जिससे तीनों सेनाओं के बीच रीयल-टाइम डाटा साझा होता है।
स्वचालित और AI-आधारित
AI एवं मशीन लर्निंग का उपयोग कर यह स्वचालित रूप से मित्र व शत्रु लक्ष्यों की पहचान करता है।
बिना मानव हस्तक्षेप के रीयल-टाइम में डाटा प्रोसेसिंग एवं निर्णयन क्षमता।
उन्नत सेंसर एवं रडार
टैक्टिकल कंट्रोल रडार, 3D टैक्टिकल कंट्रोल रडार, लो-लेवल लाइटवेट रडार एवं आकाशतीर वेपन सिस्टम रडार से लैस।
इसरो (ISRO) के उपग्रह एवं NAVIC (भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) के साथ एकीकरण।
मोबिलिटी एवं तैनाती
वाहन-आधारित व मोबाइल सिस्टम किसी भी भौगोलिक परिस्थिति या मौसम में तैनात हो सकता है।
चीन सीमा पूरी तरह कवर; पश्चिमी सीमा (पाकिस्तान) के लिए मार्च 2025 तक 105 अतिरिक्त यूनिट्स और मार्च 2027 तक कुल 455 यूनिट्स की तैनाती।
रीयल-टाइम हवाई तस्वीर
सभी रडार, सेंसर एवं हथियार प्रणालियों से डाटा एकत्र कर युद्धक्षेत्र की स्पष्ट, रीयल-टाइम तस्वीर प्रदान करता है।
निम्न-स्तरीय हवाई क्षेत्र की स्वतंत्र निगरानी और ग्राउंड-आधारित हथियार प्रणालियों का कुशल नियंत्रण।
काउंटर-ड्रोन एवं मिसाइल क्षमता
ड्रोन, मिसाइल एवं माइक्रो-UAV को बिना सक्रिय रडार सिग्नल भेजे पहचान करने व नष्ट करने की क्षमता।
स्वार्म ड्रोन हमलों को नाकाम करने में सक्षम।
हाल की उपलब्धियाँ : ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025)
पाकिस्तानी हमले नाकाम :9-10 मई, 2025 को पाकिस्तान ने भारत पर 600-1,000 ड्रोन व मिसाइल हमले किए, जिनमें तुर्की के अस्सिगार्ड सोंगर व चीनी CH-4 ड्रोन शामिल थे। आकाशतीर ने इन सभी को रीयल-टाइम में ट्रैक कर नष्ट किया, जिससे भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सका।
100% प्रभावशीलता :भारतीय सेना के अनुसार, आकाशतीर ने 100% सटीकता के साथ हर खतरे को निष्क्रिय किया, जिसने भारत की वायु रक्षा को अभेद्य बनाया।
आकाश-NG एवं L-70 के साथ समन्वय :आकाशतीर ने आकाश-NG मिसाइल एवं उन्नत L-70 वायु रक्षा तोपों के साथ मिलकर पाकिस्तानी HQ-9/16 सिस्टम को नाकाम किया।
रणनीतिक महत्व
आत्मनिर्भरता :पूरी तरह स्वदेशी, विदेशी तकनीक (जैसे- इज़राइल का आयरन डोम) पर निर्भरता समाप्त।
तीनों सेनाओं का एकीकरण :सेना, वायुसेना एवं नौसेना (त्रिगुण सिस्टम के साथ) के बीच समन्वय, जिससे नेट-सेंट्रिक युद्ध क्षमता में वृद्धि हुई।
रणनीतिक बदलाव : पारंपरिक मानव-निर्भर मॉडल से स्वचालित, AI-आधारित रक्षा की ओर अग्रसर।
आर्थिक प्रभाव : BEL के शेयरों में 3% की तेजी (मई 2025), रक्षा क्षेत्र में 1.8 लाख करोड़ रुपए का लाभ।