अमित शाह ने अपनाया ज़ोहो मेल, स्वदेशी तकनीक को दिया समर्थन
चर्चा में क्यों ?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 8 अक्टूबर, 2025 को अपना आधिकारिक ईमेल ज़ोहो मेल पर स्थानांतरित करने की घोषणा की।
यह कदम भारत की स्वदेशी तकनीक को समर्थन देने और डिजिटल संप्रभुता को बढ़ावा देने के प्रयास का प्रतीक है।
अमित शाह ने अपनी नई ईमेल आईडी amitshah.bjp@zohomail.inसोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा की और लोगों से अपने रिकॉर्ड अपडेट करने का आग्रह किया।
ज़ोहो मेल क्यों चुना गया ?
ज़ोहो मेल, चेन्नई स्थित ज़ोहो कॉर्पोरेशन का हिस्सा है, जो गोपनीयता-केंद्रित और विज्ञापन-मुक्त उत्पादकता उपकरण प्रदान करता है।
इस निर्णय से संकेत मिलता है कि सरकार:
स्वदेशी प्लेटफार्मों को समर्थन दे रही है।
गूगल वर्कस्पेस और माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस जैसे विदेशी सॉफ्टवेयर की जगह धीरे-धीरे स्वदेशी विकल्प अपनाना चाहती है।
संवेदनशील सरकारी संचार में डिजिटल संप्रभुता को प्राथमिकता दे रही है।
ज़ोहो और उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
ज़ोहो के सह-संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने शाह के कदम को "भारतीय इंजीनियरों के लिए गर्व का क्षण" बताया।
उन्होंने ज़ोहो की 20 वर्षों की विकास प्रतिबद्धता और भारत की तकनीकी क्षमता में विश्वास को इस सफलता का कारण बताया।
व्यापक नीतिगत संदर्भ: आत्मनिर्भर डिजिटल इंडिया
यह कदम अमेरिका-भारत व्यापार तनाव के बीच आया है, जिसमें कुछ भारतीय निर्यातों पर 50% तक का टैरिफ शामिल है।
भारत इस अवसर का उपयोग आत्मनिर्भर भारत पहल को मजबूत करने के लिए कर रहा है, खासकर रणनीतिक डिजिटल क्षेत्रों में।
उद्देश्य:
विदेशी तकनीकी प्रदाताओं पर निर्भरता कम करना।
सुरक्षित सरकारी संचार अवसंरचना।
भारत के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार और निवेश को प्रोत्साहित करना।
डेटा गोपनीयता और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देने वाले प्लेटफ़ॉर्म बनाना।
ज़ोहो कॉर्पोरेशन की स्थापना
स्थापना: वर्ष -1996 (एडवेंटनेट इंक के रूप में), चेन्नई के एक छोटे अपार्टमेंट में
सह-संस्थापक:श्रीधर वेम्बू और टोनी थॉमस
2009 में नाम बदलकर:ज़ोहो कॉर्पोरेशन
प्रश्न :-हाल ही में अमित शाह ने अपना आधिकारिक ईमेल किस प्लेटफ़ॉर्म पर स्थानांतरित किया ?