चर्चा में क्यों?
हाल ही में आंध्र प्रदेश सरकार ने चित्तूर जिले में कर्नाटक से आने वाले तोतापुरी आमों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।

प्रमुख बिंदु:
- इस निर्णय से केवल स्थानीय बाजार ही नहीं, बल्कि दोनों राज्यों के किसानों, व्यापारिक आपूर्ति श्रृंखला और अंतर-राज्यीय संबंधों पर भी प्रभाव पड़ा है।
- यह मुद्दा सहकारी संघवाद, कृषि अर्थव्यवस्था और राजनीति के एक जटिल ताने-बाने को सामने लाता है।
तोतापुरी आम के बारे में:
- इसे बंगलोर आम या संदरशा के नाम से भी जाना जाता है।
- यह दक्षिण भारत में विशेष रूप से कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में उगाई जाने वाली प्रमुख किस्म है।
- यह आम अपने लंबे आकार,चोंच जैसी नोक और कम रेशे वाले गूदे के लिए प्रसिद्ध है।
- इसका व्यापक उपयोग रस,आम पल्प,और अन्य पेय पदार्थों के निर्माण में होता है।
- बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी इसे सीधे किसानों से खरीदती हैं।
प्रतिबंध का कारण:
- आंध्र प्रदेश सरकार का तर्क:
- कर्नाटक से सस्ते आम आने से स्थानीय बाजार में कीमत गिरने का खतरा।
- आंध्र प्रदेश ने तोतापुरी आम का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹8/किग्रा तय किया है, जबकि कर्नाटक में यह केवल ₹5-6/किग्रा है।
- इस कारण कर्नाटक के आम चित्तूर की प्रसंस्करण इकाइयों में अधिक माँग पा रहे थे, जिससे आंध्र प्रदेश के किसानों को घाटा हो रहा था।
किसानों और व्यापार पर प्रभाव
- कर्नाटक के किसान:
- चित्तूर क्षेत्र की प्रोसेसिंग यूनिट्स के साथ उनका दीर्घकालिक व्यापार रहा है।
- प्रतिबंध से आपूर्ति अचानक बंद हो गई, जिससे हानि और उत्पाद बर्बादी की स्थिति बनी।
- कई किसानों ने विरोध करते हुए सड़क पर आम फेंके।
- आंध्र प्रदेश के किसान:
- अल्पकाल में राहत, लेकिन लंबी अवधि में प्रोसेसिंग यूनिट्स की कच्चे माल की कमी और कीमतों में अस्थिरता हो सकती है।
- व्यापारी और उद्योग:
- प्रसंस्करण उद्योगों को निर्यात और डोमेस्टिक ऑर्डर पूरे करने में मुश्किलें।
- आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान।
प्रश्न. हाल ही में आंध्र प्रदेश सरकार ने किस राज्य से आने वाले तोतापुरी आमों पर प्रतिबंध लगाया है?
(a) तमिलनाडु
(b) महाराष्ट्र
(c) कर्नाटक
(d) तेलंगाना
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