वर्ष 2025 में भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण (Anthropological Survey of India: AnSI) की स्थापना के 80 वर्ष पूरे हुए हैं।
भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण के बारे में
परिचय
- भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण (AnSI) भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक प्रमुख अनुसंधान संगठन है।
- यह मानव विज्ञान के क्षेत्र में भौतिक और सांस्कृतिक अध्ययनों पर केंद्रित है, विशेष रूप से स्वदेशी एवं कमजोर समुदायों पर।
- इसका लक्ष्य भारत की सांस्कृतिक और जैविक विविधता को समझना, संरक्षित करना व प्रलेखित करना है।
स्थापना
- गठन: वर्ष 1945 में वाराणसी में; 1948 में मुख्यालय कोलकाता स्थानांतरित।
- पृष्ठभूमि: वर्ष 1916 में भारतीय संग्रहालय की शाखाओं से जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया बनी, जिससे वर्ष 1945 में AnSI अलग हुआ।
- पहले निदेशक: बीरजा शंकर गुहा; उपनिदेशक: वेरियर एल्विन
- वर्ष 2025 तक 80 वर्ष पूरे; मानव विज्ञान में अग्रणी संस्थान
उद्देश्य
- जनजातियों और समुदायों के जैव-सांस्कृतिक पहलुओं का अध्ययन
- कमजोर जनजातियों (PVTGs) का संरक्षण और प्रलेखन
- नृवंशीय सामग्री और मानव अवशेषों का संग्रह एवं अध्ययन
- मानव विकास और सांस्कृतिक परंपराओं पर वैज्ञानिक अनुसंधान
- नीति निर्माण के लिए डाटा एवं सुझाव
- सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देना
कार्यालय
- मुख्यालय: कोलकाता (भारतीय संग्रहालय परिसर)
- क्षेत्रीय केंद्र: शिलांग, देहरादून, उदयपुर, नागपुर, मैसूर, पोर्ट ब्लेयर, कोलकाता
- उप-क्षेत्रीय केंद्र: जगदलपुर (छत्तीसगढ़)
प्रमुख कार्य
- अनुसंधान: भौतिक (जैविक विविधता) और सांस्कृतिक मानव विज्ञान (परंपराएं, रीति-रिवाज)
- संग्रह और संरक्षण: नृवंशीय सामग्री और प्राचीन अवशेष
- प्रकाशन: शोध पत्र, किताबें, Journal of the Anthropological Survey of India
- सामुदायिक अध्ययन: PVTGs पर फोकस; नीति सुझाव
- सांस्कृतिक प्रलेखन: डिजिटल और लिखित प्रलेखन
प्रमुख उपलब्धियां
- 700+ जनजातियों और 75 PVTGs पर शोध
- 'People of India' परियोजना: 43 खंडों में प्रलेखन
- जैविक एवं सांस्कृतिक डेटाबेस
- जनजातीय कल्याण नीतियों में योगदान
- यूनेस्को के साथ सहयोग; वैश्विक मंच पर भारत
- सैकड़ों शोध पत्र और पुस्तकें
वर्तमान शोध परियोजनाएँ
- भारत के PVTGs के बीच आंत माइक्रोबियल जीनोमिक अध्ययन।
- भारत के छत्तीसगढ़ राज्य की अंतर्राज्यीय सीमाओं पर स्थित जातीय समूह और उनकी पहचान, अंतर-जातीय संबंध और विकास संबंधी चिंताएँ।
- पर्यटन विकास के विशेष संदर्भ में हिमालयी सीमावर्ती गाँवों में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम का प्रभाव मूल्यांकन
- मानव विज्ञान की दृष्टि से सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन द्वारा जल जीवन मिशन के माध्यम से ग्रामीण भारत में परिवर्तनकारी बदलाव
- स्थिर आइसोटोप और प्राचीन डी.एन.ए. विश्लेषण का उपयोग करके सिंधु-सरस्वती सभ्यता की पुरा-जलवायु और सूखे की घटना के प्रभाव का पुनर्निर्माण
- इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग के संदर्भ में एपिजेनेटिक्स, डिजिटल डिवाइड और ऊर्जा व्यय को एकीकृत करके स्मार्ट इंडिया में स्वस्थ व सफल उम्र बढ़ने की खोज।