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अरुणाचल प्रदेश : 2025-2035 जलविद्युत दशक घोषित

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने ‘2025-2035’ को ‘जलविद्युत दशक’ के रूप में घोषित किया है।

2025-2035 ‘जलविद्युत दशक’ के रूप में

  • उद्देश्य : यह घोषणा राज्य की 58,000 मेगावाट (MW) बिजली उत्पादन क्षमता का इष्टतम दोहन करने के लिए की गई है।
    • इसे ‘जलविद्युत परियोजनाओं (HEP) से मुफ्त बिजली के माध्यम से उत्पन्न राजस्व का रणनीतिक प्रबंधन’ कहा गया है।
  • प्रमुख लक्ष्य :
    • जलविद्युत दशक के दौरान सरकार का लक्ष्य मेगा, बड़ी एवं लघु जलविद्युत परियोजनाओं के विवेकपूर्ण संयोजन के माध्यम से जलविद्युत क्षमता का दोहन करने के लिए रणनीतिक नीति व प्रशासनिक उपाय करना
    • राज्य में औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र के समग्र विकास के लिए एक स्थिर एवं सहायक नीति व नियामक ढांचा तैयार करना

जल विद्युत दोहन से लाभ

  • बिजली डेवलपर्स के साथ समझौते के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश को प्रत्येक HEP से 12% मुफ्त बिजली मिलेगी और स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के लिए अतिरिक्त 1% मिलेगा।
  • अरुणाचल प्रदेश को विभिन्न चरणों में पूर्ण होने वाली परियोजनाओं से वर्ष 2035 के बाद से 4,525 करोड़ वार्षिक राजस्व की उम्मीद है। 
  • अगले 10 वर्षों में 2 लाख करोड़ से अधिक के संचयी निवेश पर सवार इन परियोजनाओं की संयुक्त क्षमता 19 गीगावाट है।

एस्क्रो खाता

  • राज्य मंत्रिमंडल ने इन जल विद्युत परियोजनाओं से ‘निःशुल्क बिजली की आय से उत्पन्न राजस्व के रणनीतिक प्रबंधन एवं प्रभावी उपयोग’ के लिए एक एस्क्रो खाता बनाने को मंजूरी दी।
  • इन लाभों के प्रभावी प्रबंधन से राज्य के समग्र विकास में निवेश के बारे में रणनीतिक एवं वित्तीय निर्णय लिया जा सकता है। 
  • यह पहल न केवल वित्तीय प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगी बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि राज्य के दीर्घकालिक सतत विकास व समृद्धि के लिए मुफ्त बिजली का लाभ अधिकतम हो।

वैकल्पिक शहर

  • राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य के शहरी विकास विभाग को ‘भविष्य के लिए तैयार वैकल्पिक शहरों’ को आगे बढ़ाने के लिए एक नया यिंगकिओंग विकास प्राधिकरण और एक नया गेकू विकास प्राधिकरण गठित करने का निर्देश भी दिया है। 
  • इसके अनुसार इसने भूमि एवं संपत्ति मुआवजा दरों की जांच करने और परियोजना प्रभावित परिवारों के लिए एक मजबूत पुनर्वास व पुनर्स्थापन योजना को डिजाइन करने तथा लागू करने के लिए अपनाए जाने वाले तंत्रों का सुझाव देने के लिए एक समिति के गठन को मंजूरी दी। 
  • गेकू एवं यिंगकिओंग ऊपरी सियांग जिले के शहर हैं।
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