चर्चा में क्यों?
रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) ने हाल ही में मिजोरम में होर्टोकी से सैरांग तक की रेलवे लाइन को सार्वजनिक परिवहन के लिए मंजूरी दे दी है।

प्रमुख बिंदु:
- यह मिजोरम राज्य, विशेष रूप से उसकी राजधानी आइजोल, के लिए ऐतिहासिक क्षण है।
- अब वह पहली बार भारतीय रेलवे नेटवर्क से औपचारिक रूप से जुड़ गया है।
बैराबी-सैरांग रेल परियोजना के बारे में:
- यह परियोजना कुल 51.38 किलोमीटर लंबी है।
- इसे चार खंडों में विभाजित किया गया है:
- बैराबी - होर्टोकी
- होर्टोकी - कावनपुई
- कावनपुई - मुआलखांग
- मुआलखांग – सैरांग
प्रमुख इंजीनियरिंग विशेषताएँ:
- 48 सुरंगें, कुल लंबाई: 12,853 मीटर
- 55 प्रमुख पुल
- पुल संख्या 196: 104 मीटर ऊँचा, कुतुब मीनार से 42 मीटर ऊँचा
मिजोरम के लिए महत्व;
- राजधानी आइजोल, जो सैरांग से लगभग 20 किमी दूर है,अब रेलवे नेटवर्क से जुड़ गई है।
- इससे पहले, मिजोरम में केवल बैराबी रेलवे स्टेशन था।
- अब राज्य की अर्थव्यवस्था,पर्यटन, व्यापार और नागरिक आवागमन में क्रांतिकारी परिवर्तन की संभावना है।
पूर्वोत्तर में व्यापक रेलवे पहल
- बैराबी-सैरांग परियोजना, पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है।
- इस पहल के अंतर्गत शामिल अन्य राज्य हैं:
- असम
- नागालैंड
- अरुणाचल प्रदेश
- सिक्किम
- मणिपुर
- त्रिपुरा
प्रश्न. हाल ही में रेलवे सुरक्षा आयोग (CRS) ने मिजोरम में किस रेलवे खंड को सार्वजनिक परिवहन के लिए मंजूरी दी है?
(a) बैराबी - आइजोल
(b) सैरांग - आइजोल
(c) होर्टोकी - सैरांग
(d) बैराबी - मुआलखांग
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