बैंक ऑफ बड़ौदा ने डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अपनेबॉब ई पे ऐप पर अंतरराष्ट्रीय यूपीआई सुविधाओं की शुरुआत की है।
यह सुविधा भारतीय और एनआरआई उपयोगकर्ताओं के लिए सीमा-पार भुगतान और रियल-टाइम आवक प्रेषण को संभव बनाती है।
इससे बैंक उन पहले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शामिल हो गया है जो वैश्विक यूपीआई पारिस्थितिकी तंत्र के साथ सीधे जुड़ रहे हैं।
बॉब ई पे में नया क्या है –
यूपीआई ग्लोबल एक्सेप्टेंस:उपयोगकर्ता अब अंतरराष्ट्रीय व्यापारियों को क्यूआर कोड स्कैन करके भुगतान कर सकते हैं। यह सुविधा वर्तमान में आठ देशों में उपलब्ध है:
मॉरीशस, सिंगापुर, यूएई, अमेरिका, फ्रांस, श्रीलंका, नेपाल और भूटान।
फॉरेन इनवर्ड रेमिटेंस:सिंगापुर से भारतीय खाताधारकों को वास्तविक समय में धन हस्तांतरण की सुविधा।
एनआरआई यूपीआई एक्सेस:एनआरई/एनआरओ खाते रखने वाले एनआरआई अब भारत आने पर बॉब ई पे ऐप से अपने खातों को लिंक कर सकते हैं।
मुख्य विशेषताएँ और लाभ
अंतरराष्ट्रीय भुगतान की पारदर्शिता:
ऐप लेन-देन राशि, विनिमय दर और शुल्क स्पष्ट रूप से दिखाता है।
उपयोगकर्ता स्थानीय मुद्रा और भारतीय रुपये दोनों में भुगतान देख सकते हैं।
सिंगापुर से वास्तविक समय धन हस्तांतरण:
सिंगापुर में प्रेषक सीधे UPI आईडी दर्ज करके भारत में राशि भेज सकते हैं।
लेनदेन 24×7 रियल टाइम में संसाधित होता है।
प्राप्तकर्ता के खाते में राशि भारतीय रुपये में सीधे जमा होती है।
एनआरआई ग्राहकों के लिए विशेष सुविधा:
एनआरआई अपने मोबाइल नंबर का उपयोग करके यूपीआई भुगतान भेज और प्राप्त कर सकते हैं।
पीयर-टू-पीयर ट्रांसफर और मर्चेंट ट्रांजेक्शन दोनों के लिए उपलब्ध।
लेन-देन की सीमाएँ:
अंतरराष्ट्रीय यूपीआई लेन-देन के लिए सीमा: प्रति लेनदेन और प्रति दिन ₹1,00,000।
इससे वित्तीय सुरक्षा और प्लेटफ़ॉर्म पर एकरूपता बनी रहती है।
उपयोगकर्ता अनुभव और उपलब्धता
बॉब ई पे ऐप के 13 लाख से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ताहैं।
ऐप गूगल प्ले स्टोर और ऐप्पल ऐप स्टोर पर उपलब्ध है।
मौजूदा उपयोगकर्ता सेटिंग्स के माध्यम से सीधे अंतरराष्ट्रीय यूपीआई सेवाओं को सक्रिय कर सकते हैं।
यह फीचर घरेलू भुगतान उपकरण को एक वैश्विक डिजिटल लेन-देन प्लेटफ़ॉर्म में बदल देता है।
महत्व और भविष्य में प्रभाव
भारतीय निवासियों और एनआरआई उपयोगकर्ताओं के लिए तेज़, सुरक्षित और सरल अंतरराष्ट्रीय भुगतान।
प्रवासी भारतीयों के लिए पारिवारिक और वित्तीय लेनदेन में सुविधा और ट्रैकिंग की आसान व्यवस्था।
यह कदम वैश्विक यूपीआई पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने और डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में भारत की नेतृत्व क्षमता को मजबूत करने की दिशा में है।
भविष्य में अन्य देशों में विस्तार के माध्यम से भारत को डिजिटल भुगतान का वैश्विक केंद्र बनाने की संभावना।
प्रश्न :-बैंक ऑफ बड़ौदा ने वैश्विक यूपीआई सेवाएँ किस प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से शुरू की हैं ?