प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महान गायक-संगीतकार भूपेन हजारिका की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में असम सरकार द्वारा एक वर्ष तक चलने वाले समारोह की शुरुआत के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
भूपेन हजारिका जीवन परिचय
प्रारभिक जीवन
- जन्म : 8 सितंबर, 1926
- मृत्यु : 5 नवंबर, 2011 (मुंबई)
- जन्मस्थान : सदिया, असम
- माता एवं पिता : नीलकांत एवं शांतिप्रिया
- डॉ. हज़ारिका ने अपने बचपन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अरुणाचल प्रदेश की निचली दिबांग घाटी के बोलुंग गाँव में बिताया था।
- उनका अंतिम संस्कार ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे जालुकबाड़ी पहाड़ी पर किया गया।
शिक्षा एवं कला
- गुवाहाटी में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक एवं परास्नातक की उपाधि प्राप्त की।
- वर्ष 1948 में गुवाहाटी विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद उन्होंने इसका मुख्य गीत ‘जिलिकाबो लुइतोरे पार’ लिखा और गाया था।
- इन्हें प्यार से सुधाकंठ (अमृत स्वर) तथा ब्रह्मपुत्र का कवि कहा जाता था। अमेरिकी कलाकार और नागरिक अधिकार नेता पॉल रॉबसन का गीत ‘ओल मैन रिवर’ भूपेन दा की प्रतिष्ठित रचना ‘बिस्टिरनो परोरे’ की प्रेरणा बना।
सामाजिक भूमिका
- उनकी रचनाओं में गीतात्मकता के साथ-साथ गरीबों के लिए न्याय, ग्रामीण विकास, आम नागरिकों की शक्ति आदि जैसे सामाजिक संदेश भी शामिल थे।
- भूपेन हज़ारिका की जीवन यात्रा में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना की सशक्त अभिव्यक्ति हुई।
- उनकी रचनाओं ने भाषाई एवं क्षेत्रीय सीमाओं को पार करते हुए देश भर के लोगों को एकजुट किया।
- उन्होंने असमिया, बंगाली व हिंदी में फ़िल्मों के लिए संगीत रचनाएँ कीं।
राजनीतिक जीवन
वर्ष 1967 में वे असम के नौबोइचा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय विधायक चुने गए। हालाँकि वे कभी पेशेवर राजनेता नहीं बने। वर्ष 1993 में उन्हें असम साहित्य सभा का अध्यक्ष चुना गया।
सम्मान
- उन्हें पद्मश्री (1977), पद्म भूषण (2011), पद्म विभूषण (2012), दादा साहब फाल्के पुरस्कार (1992) सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
- वर्ष 2019 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
- अरुणाचल प्रदेश व असम को जोड़ने वाले भारत के सबसे बड़े सड़क पुल धोला-सदिया का नाम उनके सम्मान में डॉ. भूपेन हजारिका सेतु रखा गया है।
- पूर्व अमेरिकी प्रथम महिला एलेनोर रूजवेल्ट ने उन्हें भारतीय लोक संगीत में उनके योगदान के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया।