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टेलीमैटिक्स विकास केंद्र (सी-डॉट)

संदर्भ

भारत में डिजिटल क्रांति और आत्मनिर्भरता को गति देने में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है। 25 अगस्त, 2025 को सी-डॉट ने अपना 42वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर दूरसंचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने इसे भारत की डिजिटल सीमाओं का रक्षक बताया।

टेलीमैटिक्स से तात्पर्य

  • टेलीमैटिक्स = टेलीकम्युनिकेशन + इंफॉरमैटिक्स
  • यह सूचना एवं संचार तकनीक का वह क्षेत्र है जिसमें दूरसंचार, कंप्यूटर विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर डाटा ट्रांसफर, निगरानी व कनेक्टिविटी को सक्षम किया जाता है।

टेलीमैटिक्स के अनुप्रयोग

  • मोबाइल एवं इंटरनेट सेवाएँ
  • स्मार्ट सिटी प्रबंधन (सर्विलांस, ट्रैफिक मॉनिटरिंग)
  • आपदा प्रबंधन और चेतावनी प्रणाली
  • साइबर सुरक्षा समाधान
  • स्वास्थ्य सेवाएँ (टेलीमेडिसिन, डिजिटल हेल्थ नेटवर्क)
  • परिवहन (GPS, वाहन ट्रैकिंग, स्मार्ट लॉजिस्टिक्स)

टेलीमैटिक्स विकास केंद्र (C-DOT) के बारे में

  • क्या है: सी-डॉट भारत सरकार के दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय का प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संस्थान है।
  • स्थापना वर्ष: 1984
  • उद्देश्य: ग्रामीण एवं शहरी भारत में विश्वसनीय व किफ़ायती दूरसंचार समाधान उपलब्ध कराना।
  • यह संस्था स्वदेशी दूरसंचार तकनीकों के विकास, अनुसंधान व डिजिटल समाधानों में अग्रणी रही है।
  • इसे भारत की दूरसंचार क्रांति की रीढ़ कहा जाता है।

भूमिका और कार्य

  • स्वदेशी दूरसंचार तकनीक का अनुसंधान एवं विकास
  • ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी समाधान उपलब्ध कराना
  • 1980-90 के दशक में ग्रामीण टेलीफोन एवं डिजिटल एक्सचेंज के विकास में महत्वपूर्ण
  • 4G, 5G और अब 6G नेटवर्क के लिए तकनीकी विकास
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), साइबर सुरक्षा, क्वांटम संचार एवं IoT/M2M अनुप्रयोगों पर अनुसंधान
  • राष्ट्रीय परियोजनाओं जैसे भारतनेट (NOFN) को तकनीकी सहयोग प्रदान करना

उपलब्धियाँ

  • ग्रामीण कनेक्टिविटी : दूरदराज़ इलाकों तक संचार पहुँचाया।
  • संचार : बी.एस.एन.एल. 4G कोर नेटवर्क का विकास
  • AI आधारित समाधान : सरकार ने साइबर धोखाधड़ी से जुड़े 5 करोड़ नकली कनेक्शन बंद किए।
  • महिला उद्यमिता प्रोत्साहन : निधि कार्यक्रम के अंतर्गत महिला-नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को समर्थन
  • 6G अनुसंधान : अगली पीढ़ी की कनेक्टिविटी में भारत को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने की दिशा में कार्य

निष्कर्ष

सी-डॉट न केवल भारत की डिजिटल आत्मनिर्भरता का प्रतीक है बल्कि भविष्य की संचार तकनीक में वैश्विक नेतृत्व दिलाने की क्षमता रखता है। वर्ष 2047 तक जब भारत स्वतंत्रता का शताब्दी वर्ष मनाएगा, तब तक सी-डॉट से विश्वस्तरीय संचार समाधान उपलब्ध कराने की उम्मीद की जा रही है।

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