New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

NSE, BSE के F&O समाप्ति दिनों में बदलाव

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय)

संदर्भ

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) व बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) दोनों ने अपने-अपने फ्यूचर एंड ऑप्शन्स (Futures & Options: F&O) के साप्ताहिक एक्सपायरी दिवसों में बदलाव किया है, जिसे भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।

F&O के बारे में

  • क्या है : यह शेयर बाज़ार के वे उपकरण हैं जिनके तहत निवेशक भविष्य में किसी निश्चित तिथि पर किसी स्टॉक या इंडेक्स को खरीदने या बेचने का अनुबंध करते हैं। 
    • वायदा (Future) एक निवेशक पर कानूनी दायित्व के रूप में कार्य करता है, जिसके तहत उसे पूर्व-निर्धारित नियत तिथि तक अनुबंध का पालन करने की अनिवार्यता होती है।
    • विकल्प (Options) क्रेता को एक निर्दिष्ट अवधि के भीतर एक निर्धारित मूल्य पर अंतर्निहित परिसंपत्ति को खरीदने या बेचने का अधिकार देते हैं किंतु कानूनी दायित्व या अनिवार्यता नहीं देते हैं।
      • ऑप्शन के दो मुख्य प्रकार हैं: कॉल (खरीदने का अधिकार) और पुट (बेचने का अधिकार)।
  • समाप्ति दिवस (Expiry Day) : यह वह दिन होता है जिस दिन यह अनुबंध समाप्त होता है। इस दिन ट्रेडिंग की मात्रा एवं वोलैटिलिटी (अस्थिरता) अधिक होती है।

क्या हैं हालिया बदलाव

  • NSE (निफ्टी) 
    • वर्तमान में एक्सपायरी दिवस : गुरुवार
    • 1 सितंबर, 2025 से : मंगलवार
    • मासिक अनुबंधों की एक्सपायरी : हर महीने का अंतिम मंगलवार
  • BSE (सेंसेक्स)
    • वर्तमान में एक्सपायरी दिवस : मंगलवार
    • 1 सितंबर, 2025 से : गुरुवार
    • मासिक अनुबंधों की एक्सपायरी : हर महीने का अंतिम गुरुवार
  • नए साप्ताहिक अनुबंधों पर रोक
    • BSE ने घोषणा की है कि 1 जुलाई, 2025 से वह नए साप्ताहिक अनुबंध प्रारंभ नहीं करेगा।

SEBI के हस्तक्षेप का कारण

  • लगातार बदलते एक्सपायरी दिवस से बाज़ार में अस्थिरता और छोटे निवेशकों में भ्रम की स्थिति बन रही थी।
  • इसके जवाब में SEBI ने परामर्श पत्र जारी कर साप्ताहिक एक्सपायरी को केवल दो दिन (मंगलवार एवं गुरुवार) तक सीमित कर दिया और स्पष्ट कर दिया कि भविष्य में कोई भी बदलाव SEBI की अनुमति से ही होगा।

बाज़ार पर प्रभाव

  • निवेशकों के लिए पारदर्शिता और स्थिरता : अब सभी एक्सचेंज सीमित दिनों पर एक्सपायरी करेंगे जिससे निवेशकों को योजनाबद्ध तरीके से ट्रेडिंग करने में सुविधा होगी।
  • वोलैटिलिटी (अस्थिरता) का बेहतर प्रबंधन : कम एक्सपायरी दिवसों के कारण बाज़ार में बार-बार उतार-चढ़ाव नहीं होगा, जिससे जोखिम प्रबंधन अधिक प्रभावी होगा।
  • BSE का प्रदर्शन : नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, BSE का डेरिवेटिव्स प्रीमियम कारोबार अक्तूबर 2024 में 9,000 करोड़ से बढ़कर मई 2025 में 15,900 करोड़ तक पहुँच गया, जिससे यह सिद्ध होता है कि कठोर नियमन के बावजूद उसकी वृद्धि बरकरार रही।

निष्कर्ष

NSE व BSE के F&O एक्सपायरी दिवस में बदलाव भारत के पूँजी बाज़ार को अधिक स्थिर, पारदर्शी एवं निवेशक-अनुकूल बनाने की दिशा में उठाया गया एक व्यावसायिक तथा नीतिगत कदम है। यह पहल न केवल व्यापारिक संरचना को सुव्यवस्थित करेगी बल्कि लंबे समय में भारतीय डेरिवेटिव्स मार्केट की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता को भी मजबूत करेगी।

वायदा एवं ऑप्शन के बीच मुख्य अंतर

विशेषता

वायदा (Future)

ऑप्शन (Option)

दायित्व 

अनुबंध को पूरा करने के लिए बाध्य 

खरीदार का अधिकार है, दायित्व नहीं 

लागत 

कोई अग्रिम भुगतान नहीं (मार्जिन आवश्यक)

प्रीमियम भुगतान की आवश्यकता 

जोखिम 

असीमित लाभ एवं हानि की संभावना 

असीमित लाभ, सीमित हानि (प्रीमियम भुगतान)

लचीलापन 

कम लचीले, अधिक मानकीकृत अनुबंध 

अधिक लचीला, आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जा सकता है 

हेजिंग 

मुख्य रूप से हेजिंग के लिए उपयोग 

हेजिंग एवं सट्टेबाजी के लिए उपयोग 

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X