केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा सचिव विनीत जोशी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है जो कोचिंग सेंटरों पर छात्रों की निर्भरता कम करने और प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं की प्रभावशीलता एवं निष्पक्षता का आकलन करने के उपाय सुझाएगी।
गठित समिति के बारे में
- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष श्री जोशी के अलावा स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के संयुक्त सचिव (संस्थाएं), आई.आई.टी. मद्रास, एन.आई.टी. त्रिची, आई.आई.टी. कानपुर और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एन.सी.ई.आर.टी.) के प्रतिनिधि तथा तीन स्कूल प्रिंसिपल (केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय व निजी स्कूल से एक-एक प्रिंसिपल) इस समिति के सदस्य होंगे। इनको केंद्र द्वारा नामित किया जाएगा।
- उच्च शिक्षा विभाग के एक संयुक्त सचिव इस समिति के सदस्य सचिव होंगे।
समिति के लिए संदर्भ की शर्तें
- समिति के लिए संदर्भ की शर्तें (ToR) में ‘डमी स्कूलों’ के उभरने के पीछे के कारणों की जाँच एवं औपचारिक स्कूली शिक्षा की कीमत पर पूर्णकालिक कोचिंग को प्रोत्साहित करने में उनकी भूमिका और उन्हें कम करने के तरीके सुझाना शामिल है।
- यह समिति स्कूल एवं उच्च शिक्षा के स्तर पर प्रारंभिक मूल्यांकन की भूमिका व प्रभाव का भी आकलन करेगी। साथ ही, यह भी आकलन करेगी कि इनकी अनुपस्थिति छात्रों की वैचारिक समझ और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को किस प्रकार प्रभावित करती है।
- यह समिति गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा की बढ़ती मांग, प्रमुख संस्थानों में सीटों की सीमित उपलब्धता और इस असंतुलन के कारण छात्रों के कोचिंग संस्थानों की ओर आकर्षित होने का विश्लेषण करेगी।
- यह समिति छात्रों एवं अभिभावकों के बीच कई करियर विकल्पों के बारे में जागरूकता के स्तर तथा कुछ विशिष्ट संस्थानों पर अत्यधिक निर्भरता पर जागरूकता की कमी के प्रभाव का मूल्यांकन करेगी।
- इस समिति का एक अन्य कार्य स्कूली शिक्षा प्रणाली के संदर्भ में प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं की प्रभावशीलता एवं निष्पक्षता का अध्ययन करना तथा कोचिंग उद्योग के विकास पर उनके प्रभाव का अध्ययन करना है।
- यह कोचिंग केंद्रों की विज्ञापन प्रथाओं की भी समीक्षा करेगी, जिसमें भ्रामक दावों का उपयोग और सफलता की चुनिंदा कहानियों का प्रचार शामिल है तथा उपयुक्त तंत्र की सिफारिश करेगी।
- इन संदर्भ विषयों के अलावा पैनल स्कूलों व कॉलेजों में कैरियर परामर्श सेवाओं की उपलब्धता और प्रभावशीलता का आकलन करेगा तथा कैरियर मार्गदर्शन ढांचे को मजबूत करने के उपाय सुझाएगा।