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डेविस स्ट्रेट प्रोटो माइक्रो-कॉन्टिनेंट: एक नया महाद्वीप

  • स्वीडन एवं कनाडा के वैज्ञानिकों की टीम ने ग्रीनलैंड एवं कनाडा के बीच डेविस स्ट्रेट में एक नया महाद्वीप खोजने का दावा किया है जिसे ‘डेविस स्ट्रेट प्रोटो-माइक्रोकॉन्टिनेंट’ नाम दिया गया है। 
  • यह खोज प्लेट विवर्तनिकी (Plate Tectonics) और उत्तरी अटलांटिक क्षेत्र के भूगर्भीय इतिहास को समझने में महत्त्वपूर्ण है।

विशेषताएँ

  • भौगोलिक अवस्थिति : डेविस स्ट्रेट (ग्रीनलैंड और बाफिन द्वीप (कनाडा) के बीच)
  • संबंधित जल निकाय : लैब्राडोर सागर और उत्तरी अटलांटिक महासागर।

  • निर्माण अवधि : यह क्षेत्र मेसोज़ोइक युग (लगभग145 से 66 मिलियन वर्ष पूर्व) के दौरान पैंजिया महाद्वीप के टूटने के समय बना।
    • टेक्टॉनिक प्लेटों की गति के कारण यह भूखंड मुख्य महाद्वीपों से अलग होकर समुद्र में डूब गया।
    • इसकी भू-आकृतिक संरचना सामान्य महासागरीय पृष्ठभूमि से भिन्न है– यह ज्यादा मोटा, पुराना एवं कम सघन है।
  • भू-आकृतिक संरचना : यह एक अर्द्ध-विभाजित एवं जलमग्न माइक्रोकॉन्टिनेंट है जिसकी मोटाई लगभग 19 किमी. है।

महत्त्व

  • प्लेट विवर्तनिकी को समझना : यह खोज विभिन्न कालावधि में महाद्वीपीय विखंडन की जानकारी प्रदान करती है।
  • ऊर्जा संसाधन खोज : इस क्षेत्र में तेल एवं गैस के भंडार की संभावना को लेकर अध्ययन जारी हैं।
  • भूवैज्ञानिक इतिहास का पुनर्निर्माण : पृथ्वी की संरचना और विकासक्रम को समझने में सहायता।
  • भविष्य के अनुसंधान : यह क्षेत्र भूगर्भीय अनुसंधान और संभावित ऊर्जा संसाधनों की खोज के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकता है।
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