29 मई से 12 जून तक तक चलने वाले ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत ओडिशा के पुरी से की गई। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी शुरुआत की।
विकसित कृषि संकल्प अभियान के बारे में
- परिचय : यह केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा शुरू की गयी एक राष्ट्रव्यापी पहल है।
- यह अभियान ‘लैब-टू-लैंड’ के सिद्धांत पर आधारित है जिसके तहत वैज्ञानिक शोध एवं तकनीकी जानकारी को सीधे किसानों तक ले जाया जाता है।
- कवरेज : अभियान का लक्ष्य देश के 723 जिलों में 65,000 से अधिक गांवों में 1.3 करोड़ से अधिक किसानों तक पहुंचना है।
प्रमुख उद्देश्य
- किसानों को सशक्त बनाना : किसानों को समय पर वैज्ञानिक मार्गदर्शन प्रदान करना ताकि फसल उत्पादन, मृदा स्वास्थ्य एवं संसाधन प्रबंधन में सुधार हो।
- वैज्ञानिक-किसान संवाद : वैज्ञानिकों एवं किसानों के बीच दोतरफा संवाद स्थापित करना, जिससे वैज्ञानिक शोध एवं तकनीकी जानकारी साझा हो और किसानों की चुनौतियों का डाटा एकत्र किया जा सके।
- सतत व जलवायु-सहिष्णु कृषि : विज्ञान-समर्थित, जलवायु-सहिष्णु एवं किसान-केंद्रित कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देना।
- कृषि नवाचार : फसल विविधीकरण, मृदा स्वास्थ्य पत्रक के आधार पर उर्वरकों का संतुलित उपयोग और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करना।
- भारत को वैश्विक खाद्य केंद्र बनाना : भारत को ‘बास्केट ऑफ द वर्ल्ड’ बनाने की दीर्घकालिक दृष्टिकोण को साकार करना।
प्रमुख विशेषताएँ
कृषि वैज्ञानिकों की भागीदारी
- 16,000 से अधिक वैज्ञानिकों और 2,170 टीमें देशभर के गांवों में जाकर किसानों से सीधा संवाद करती हैं। ये टीमें नवीनतम फसल किस्मों, कृषि तकनीकों एवं मृदा परीक्षण की जानकारी प्रदान करती हैं।
- ड्रोन व स्थानीय स्तर पर निर्मित कृषि आदानों के जीवंत प्रदर्शन आयोजित किए जाते हैं।
कृषि योजनाओं का प्रचार
- पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम कृषि सिंचाई योजना, कुसुम योजना एवं किसान क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं की जानकारी दी जाती है।
- माइक्रो सिंचाई, ड्रिप व स्प्रिंकलर सिंचाई, पॉली हाउस और समन्वित कीट प्रबंधन पर सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है।
किसान रथ
प्रत्येक जिले में कृषि रथ गांवों में भ्रमण करते हैं जो किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों और सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक करते हैं।
परंपरागत ज्ञान का दस्तावेजीकरण
किसानों के परंपरागत ज्ञान और नवाचारों को दस्तावेजीकृत किया जाता है ताकि भविष्य के अनुसंधान को अधिक व्यावहारिक बनाया जा सके।