प्राय: यह माना जाता है कि कोई भी जीव केवल अपनी ही प्रजाति के बच्चों को जन्म दे सकता है। हालाँकि, हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसी चींटी (Ant) की खोज की है जो इस सामान्य नियम को तोड़ती है और दो प्रजातियों को जन्म देती है।
चींटी प्रजातियों के बारे में
चींटियाँ सामाजिक कीट (Social Insects) होती हैं और कॉलोनी में रहती हैं। कॉलोनी में मुख्य रूप से-
- रानी (Queen): प्रजनन का काम करती है।
- नर (Drones): रानी के साथ संभोग करते हैं।
- कामगार (Workers): जो अंडज होती हैं किंतु प्रजनन नहीं करती हैं, वे कॉलोनी के सभी काम (घोंसला बनाना, भोजन लाना, बच्चों की देखभाल) संभालती हैं।

हालिया शोध के बारे में
- यह शोध प्रतिष्ठित पत्रिका नेचर में प्रकाशित हुआ है।
- शोध में पाया गया कि ‘मेस्सोर इबेरिकस’ (Messor ibericus) चींटी प्रजाति की रानी न केवल अपनी प्रजाति की संतानों को जन्म देती है, बल्कि दूसरी प्रजाति ‘मेस्सोर स्ट्रक्टर’ (Messor structor) के नर चीटीं को भी जन्म देती है।
- मेस्सोर इबेरिकस और मेस्सोर स्ट्रक्टर भूमध्यसागर क्षेत्र में पाई जाने वाली हार्वेस्टर एंट्स (Harvester Ants) हैं। इनका काम बीजों और भोजन का संग्रह करना होता है।
संदेह
- शोधकर्ताओं को संदेह तब हुआ जब उन्होंने देखा कि मेस्सोर इबेरिकस कॉलोनियों में कामगार मादाएं हाइब्रिड (संकर) थीं, जिनका लगभग आधा डी.एन.ए. मेस्सोर स्ट्रक्टर से मेल खाता था।
- यह आश्चर्यजनक था क्योंकि कॉलोनियाँ ऐसे क्षेत्रों में थीं जहां मेस्सोर स्ट्रक्टर मौजूद ही नहीं थे।
परीक्षण
- वैज्ञानिकों ने कॉलोनियों से डीएनए के नमूने एकत्र किए। जांच में पाया गया कि इन कॉलोनियों में मेस्सोर स्ट्रक्टर प्रजाति के नर भी रहते थे।
- उनका माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए मेस्सोर इबेरिकस से आया था, जिससे यह सिद्ध हुआ कि उन्हें जन्म देने वाली मां मेस्सोर इबेरिकस रानी थी।
प्रक्रिया
- वैज्ञानिकों ने रानियों को अलग कर उनके अंडों का अध्ययन किया।
- लगभग 10% अंडे पूरी तरह से मेस्सोर स्ट्रक्टर प्रजाति के निकले।
- रानी अपने शरीर में मौजूद विशेष अंग ‘स्पेर्माथेईका’ (Spermatheca) में संरक्षित आनुवंशिक पदार्थ को क्लोन करके इन नरों को पैदा करती है।
- इससे वह सुनिश्चित करती है कि उसकी बेटियाँ आगे दोनों प्रजातियों के नरों से मिलन कर नई कॉलोनियाँ बना सकें।
नई प्रजाति को जन्म देने की क्षमता
- यह खोज इसलिए अद्वितीय है क्योंकि यह दर्शाती है कि एक ही रानी प्राकृतिक रूप से दो अलग-अलग प्रजातियों को जन्म दे सकती है।
- इसे वैज्ञानिक ‘मानव का चिंपैंजी को जन्म देना’ जैसी दुर्लभ घटना बताते हैं। यह प्राकृतिक विकास (Evolution) के अध्ययन के लिए एक नई दिशा प्रदान करता है।
भविष्य में महत्व
- यह शोध विकासवाद (Evolutionary Biology) और आनुवंशिकी (Genetics) को समझने में मदद करेगा।
- यह दर्शाता है कि प्रजातियों का अस्तित्व एवं संकरण (Hybridization) कितने जटिल तरीके से होता है।
- भविष्य में यह अध्ययन प्रजातियों के संरक्षण, आनुवंशिक विविधता एवं जैव-विकास के रहस्यों को उजागर करने में सहायक हो सकता है।