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भारत में चुनाव और चुनाव सुधार: लोकतंत्र की नींव

  • चुनाव लोकतंत्र का प्रमुख स्तंभ हैं। ये वह माध्यम हैं जिसके जरिए जनता अपनी स्वतंत्र इच्छा से प्रतिनिधियों का चयन करती है और उन्हें सार्वजनिक पदों पर बैठाती है। 
  • भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में चुनाव केवल सत्ता हस्तांतरण का साधन नहीं हैं, बल्कि ये लोकतंत्र को मजबूती देने, राष्ट्रीय एकता बनाए रखने और शासन में जवाबदेही सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण उपकरण हैं।

लोकतंत्र में चुनावों की भूमिका

चुनाव केवल मतदाता और उम्मीदवार के बीच संबंध तक सीमित नहीं हैं। ये कई महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक कार्यों को पूरा करते हैं:

  • जवाबदेही सुनिश्चित करना: चुनाव सरकारों को अपने कार्यों के लिए जवाबदेह बनाते हैं।
  • भागीदारी बढ़ाना: नागरिकों की सक्रिय भागीदारी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूत करती है।
  • राष्ट्रीय एकता और एकीकरण: चुनाव विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषाई समूहों को जोड़कर राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देते हैं।
  • स्व-सुधारात्मक तंत्र: चुनाव लोकतंत्र को स्वयं सुधारने का अवसर देते हैं, जिससे सरकारें अपनी नीतियों और प्रदर्शन में सुधार कर सकती हैं।
  • लोकतांत्रिक संस्कृति को प्रोत्साहित करना: चुनाव मतदाता को अपनी राय व्यक्त करने का अवसर देते हैं, जिससे लोकतांत्रिक मूल्य मजबूत होते हैं।
  • उत्तरदायी सरकार का गठन: चुनाव सुनिश्चित करते हैं कि सरकार जनता की मांगों और अपेक्षाओं के अनुरूप काम करे।

चुनावी प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए सुधार

भारत में चुनावों की पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए कई सुधार लागू किए गए हैं। इनमें प्रमुख हैं:

1. पारदर्शिता

  • उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को अपने आय के स्रोतों का खुलासा करना अनिवार्य किया गया है।
  • चुनावी प्रक्रिया में वित्तीय पारदर्शिता के माध्यम से भ्रष्टाचार और अनुचित प्रभाव को कम करने का प्रयास किया गया है।

2. मतदाताओं की भागीदारी

  • मतदान की न्यूनतम आयु कम की गई है, जिससे युवा मतदाता भी चुनावी प्रक्रिया में शामिल हो सकें।
  • डाक मतपत्र (Postal Ballot) की सुविधा दी गई है, ताकि असमर्थ मतदाता भी अपनी राय व्यक्त कर सकें।
  • चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 के माध्यम से वोटिंग प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित और उत्तरदायी बनाया गया।
  • मतदाता पहचान पत्र (Voter ID) को आधार से लिंक किया गया, जिससे मतदाता सत्यापन सरल और भरोसेमंद हुआ।

3. प्रौद्योगिकी का उपयोग

  • इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM): मतगणना की गति बढ़ाने और मानव त्रुटियों को कम करने के लिए ईवीएम का उपयोग किया जाता है।
  • NOTA (None of the Above): मतदाता को यह विकल्प दिया गया कि वे किसी भी उम्मीदवार का समर्थन न करने का निर्णय ले सकें।

4. सभी को समान अवसर प्रदान करना

  • आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct): सभी उम्मीदवारों को समान नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
  • चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा: चुनावों में वित्तीय असमानताओं को कम करने और सभी को समान अवसर देने के लिए खर्च की सीमा निर्धारित की गई।
  • एग्जिट पोल पर प्रतिबंध: चुनाव के दौरान निष्पक्षता बनाए रखने के लिए निर्धारित समय तक एग्जिट पोल निषिद्ध हैं।
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