New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Diwali Special Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 22nd Oct., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Diwali Special Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 22nd Oct. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

म्यांमार में आपातकाल की समाप्ति : भारत के लिए निहितार्थ

(प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: भारत एवं इसके पड़ोसी संबंध, भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव)

संदर्भ 

म्यांमार की सैन्य सरकार ने वर्ष फरवरी 2021 के तख्तापलट के बाद से लागू देशव्यापी आपातकाल की समाप्ति की घोषणा की है। साथ ही, छह महीने के भीतर आम चुनाव कराने की योजना बनाई जा रही है।

पृष्ठभूमि

  • म्यांमार की सेना (तातमादव) ने फरवरी 2021 में मतदान धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए ‘आंग सान सू की’ की ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी’ (NLD) के नेतृत्व वाली निर्वाचित सरकार का तख्तापलट कर दिया था।
  • इसके बाद म्यांमार में आपातकाल लागू कर दिया गया, जिससे सेना को आदेश द्वारा शासन करने की अनुमति मिल गई।
  • इसके तब से देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन, हिंसक दमन एवं जातीय सशस्त्र समूहों के साथ गृहयुद्ध जैसी स्थिति बढ़ती जा रही है।

हालिया घटनाक्रम

  • राष्ट्रीय रक्षा एवं सुरक्षा परिषद ने घोषणा की है कि आपातकाल की अवधि आधिकारिक रूप से समाप्त हो गई है।
  • सरकार प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग ने वर्ष 2026 की शुरुआत तक चुनाव की तैयारी के संकेत दिए।
  • राजनीतिक दलों को सेना द्वारा तैयार किए गए एक नए चुनाव कानून के तहत पंजीकरण कराने के लिए कहा गया है।

चुनौतियाँ

  • राजनीतिक विश्वसनीयता का अभाव : कई राजनीतिक पर्यवेक्षक और पश्चिमी सरकारें ने स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव को लेकर संशय व्यक्त किया है।
  • व्यापक संघर्ष : जातीय सशस्त्र संगठन और समानांतर राष्ट्रीय एकता सरकार सैन्य शासन का विरोध जारी रखे हुए है।
  • विपक्ष का दमन : ‘आंग सान सू की’ सहित सैकड़ों राजनेता या तो जेल में हैं या अयोग्य घोषित हैं।

भारत के लिए निहितार्थ

सीमा सुरक्षा संबंधी चिंताएँ

  • म्यांमार में जारी अस्थिरता भारत के उत्तर-पूर्व, विशेष रूप से मणिपुर, नागालैंड एवं मिज़ोरम में सीमा पार उग्रवादी गतिविधियों को बढ़ा सकती है।
  • यह पूर्वोत्तर भारत के उग्रवादी संगठनों, जैसे- एन.एस.सी.एन.-के (NSCN-K) और अन्य सशस्त्र समूहों के म्यांमार में पनाहगाह हैं तथा वे अराजकता का फायदा उठा सकते हैं।

शरणार्थियों का आगमन

  • राजनीतिक हिंसा और सैन्य कार्रवाई के कारण पहले ही हज़ारों शरणार्थी मिज़ोरम एवं मणिपुर में शरण ले चुके हैं।
  • भारत को भविष्य में शरणार्थियों के आगमन को नियंत्रित करने में मानवीय एवं रसद संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

संपर्क परियोजनाओं में व्यवधान

  • कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट और भारत-म्यांमार-थाईलैंड (IMT) राजमार्ग जैसी परियोजनाओं में असुरक्षा के कारण देरी हो सकती है।
  • यह भारत की एक्ट ईस्ट नीति और क्षेत्रीय एकीकरण के लक्ष्यों को बाधित करता है।

रणनीतिक संतुलन आवश्यक

  • क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जुंटा के साथ बातचीत करते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के साथ ही भारत को कूटनीतिक संतुलन बनाए रखना होगा।
  • म्यांमार में प्रभाव के लिए पश्चिम या चीन पर अत्यधिक निर्भरता से बचना अत्यंत आवश्यक है।

चीन का बढ़ता प्रभाव

  • म्यांमार में राजनीतिक शून्यता विशेष रूप से बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं और सैन्य शासन को समर्थन के माध्यम से चीन को अपना प्रभाव बढ़ाने का अवसर दे सकती है।
  • यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र एवं निकटवर्ती पड़ोस में भारत के सामरिक हितों को प्रभावित करता है।

आसियान एवं क्षेत्रीय कूटनीति

  • म्यांमार का संकट आसियान की विश्वसनीयता को चुनौती देता है जिससे इस समूह के साथ भारत की भागीदारी प्रभावित होती है।
  • एक स्थिर एवं लोकतांत्रिक म्यांमार सुनिश्चित करने के लिए भारत को आसियान, जापान व अन्य देशों के साथ समन्वय करना चाहिए।

मानवीय एवं नैतिक दुविधा

  • म्यांमार पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों से भारत के दूर रहने की आलोचना हुई है।
  • गैर-हस्तक्षेप, राष्ट्रीय हित और लोकतांत्रिक मूल्यों में संतुलन बनाना कूटनीतिक रूप से संवेदनशील है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X