प्रतिवर्ष 15 सितंबर को भारत में इंजीनियर्स डे मनाया जाता है। यह दिन भारत के महानतम इंजीनियर, राजनयिक एवं योजनाकार भारत रत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Sir M. Visvesvaraya) की जयंती पर मनाया जाता है।
सर एम. विश्वेश्वरैया का जीवन परिचय
- जन्म : 15 सितंबर, 1861 को कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर जिले में।
- शिक्षा : पुणे के इंजीनियरिंग कॉलेज (COEP) से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक
- प्रमुख पद : मैसूर राज्य के दीवान (1912-1918)
- सम्मान : वर्ष 1955 में भारत रत्न से सम्मानित
- निधन : 14 अप्रैल, 1962
योगदान
- कृषि सिंचाई में क्रांति : वर्तमान में भी मैसूर एवं मंड्या के खेतों की जीवनरेखा कृष्णराज सागर बांध का निर्माण
- जल प्रबंधन प्रणाली : स्वत: नियंत्रित गेट्स (Automatic Sluice Gates) के आविष्कार से बाढ़ नियंत्रण और जल संरक्षण संभव
- औद्योगिक विकास : मैसूर में कई उद्योगों की स्थापना, जैसे- मैसूर सोप फैक्ट्री, आयरन एंड स्टील वर्क्स, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर
- शिक्षा का विस्तार : उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहन
- रक्षा एवं आर्थिक योजनाएँ : उन्होंने भारत के लिए राष्ट्रीय आर्थिक विकास का खाका तैयार किया
प्रभाव और प्रेरणा
- सर एम. विश्वेश्वरैया का प्रभाव आज भी भारत के इंजीनियरिंग और विकास के क्षेत्र में दिखाई देता है।
- उनकी परियोजनाओं, जैसे- कृष्णा राज सागर (KRS) बांध से आज भी लाभ पहुंच रहा है।
- उनकी कार्यशैली, अनुशासन एवं दीर्घकालिक दृष्टिकोण ने उन्हें एक रोल मॉडल बनाया।
- उन्होंने समय प्रबंधन एवं दक्षता पर जोर दिया और Reconstructing India एवं Planned Economy for India जैसी उनकी पुस्तकें आज भी नीति निर्माताओं के लिए प्रासंगिक हैं।
इंजीनियर्स दिवस के बारे में
- यह दिन उन सभी इंजीनियरों को सम्मानित करता है जो नवाचार, शोध एवं विकास के माध्यम से देश की प्रगति में योगदान देते हैं।
- यह युवाओं को तकनीकी शिक्षा एवं नवाचार के लिए प्रेरित करता है।
- ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में इंजीनियर्स की अहम भूमिका को उजागर करता है।
- वर्ष 2025 की थीम : ‘डीप टेक एवं इंजीनियरिंग उत्कृष्टता: भारत के टेकेड को आगे बढ़ाना’ (Deep Tech & Engineering Excellence: Driving India's Techade)