(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: सरकारी नीतियों एवं विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय) |
संदर्भ
भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने ‘भारत में महिला एवं पुरुष 2024: प्रवृत संकेतक व डाटा’ शीर्षक से अपने प्रकाशन का 26वां संस्करण जारी किया।
महिला एवं पुरुष रिपोर्ट, 2024 के बारे में
- क्या है : यह रिपोर्ट भारत में शहरी-ग्रामीण विभाजन एवं भौगोलिक क्षेत्रों में लैंगिक-विभाजन संबंधी डाटा प्रस्तुत करता है।
- प्रमुख क्षेत्र : इसमें जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक भागीदारी एवं निर्णयन जैसे प्रमुख क्षेत्रों के संकेतक व डाटा प्रस्तुत किए गए हैं।
- स्रोत : ये संकेतक एवं डाटा विभिन्न मंत्रालयों/विभागों/संगठनों से प्राप्त किए गए हैं।
- महत्त्व : यह सामाजिक-आर्थिक संकेतकों का विश्लेषण करके और प्रवृत्तियों को दर्शाकर नीति-निर्माताओं, शोधकर्ताओं एवं अन्य हितधारकों को लैंगिक-संवेदनशील नीति निर्माण में सहायता करता है जो संधारणीय व समावेशी विकास को बढ़ावा देती हैं।
रिपोर्ट की मुख्य निष्कर्ष
- महिला शिक्षा नामांकन की उच्च दर : प्राथमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्तरों पर लैंगिक समानता सूचकांक (GPI) लगातार उच्च रहा है जो महिलाओं के अधिक नामांकन को दर्शाता है। उच्च प्राथमिक एवं प्रारंभिक स्तरों में उतार-चढ़ाव देखा गया है किंतु यह समानता के करीब रहा है।

- श्रम बल भागीदारी में वृद्धि : 15 वर्ष एवं उससे अधिक आयु के लिए सामान्य स्थिति में श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) 49.8% (2017-18) से बढ़कर 60.1% (2023-24) हो गया है।

- महिला बैंक खातों में वृद्धि : महिलाओं के पास सभी बैंक खातों का 39.2% हिस्सा है और कुल जमा में उनका योगदान 39.7% है। उनकी भागीदारी ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वाधिक है जहाँ वे 42.2% खाताधारक हैं।
- डी-मैट खातों में वृद्धि
- पिछले कुछ वर्षों में डीमैट खातों की संख्या में वृद्धि हुई है जो शेयर बाजार में बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।
- 31 मार्च, 2021 से 30 नवंबर, 2024 तक डीमैट खातों की कुल संख्या 33.26 मिलियन से बढ़कर 143.02 मिलियन हो गई जो चार गुना से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है।
- पुरुष खाताधारकों की संख्या लगातार महिला खाताधारकों से अधिक रही है किंतु महिलाओं की भागीदारी में भी वृद्धि देखी गई है।
- पुरुष खातों की संख्या 2021 में 26.59 मिलियन से बढ़कर 2024 में 115.31 मिलियन हो गई है जबकि इसी अवधि के दौरान महिला खातों की संख्या 6.67 मिलियन से बढ़कर 27.71 मिलियन हो गई है।

- महिला-प्रधान स्वामित्व प्रतिष्ठानों में वृद्धि : वर्ष 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 के दौरान विनिर्माण, व्यापार व अन्य सेवा क्षेत्रों में महिला-प्रधान स्वामित्व प्रतिष्ठानों की प्रतिशतता में वृद्धि हुई है।

- महिला मतदाताओं में वृद्धि
- वर्ष 1952 में कुल मतदाताओं की संख्या 173.2 मिलियन से बढ़कर वर्ष 2024 में 978 मिलियन हो गई जिसमें महिला मतदाता पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
- महिला मतदाताओं द्वारा मतदान में पिछले कुछ वर्षों में भिन्नता रही है जो वर्ष 2019 में 67.2% तक पहुँच गई थी किंतु वर्ष 2024 में थोड़ी गिरावट के साथ 65.8% है।
- मतदान में लैंगिक अंतराल कम हो गया है। वर्ष 2024 में महिला मतदान पुरुषों के मतदान से अधिक हुआ।
- महिला उद्यमिता में वृद्धि : पिछले कुछ वर्षों में ऐसे स्टार्टअप की संख्या में वृद्धि हुई है जिनमें कम-से-कम एक महिला निदेशक हैं जो महिला उद्यमिता में सकारात्मक प्रवृत्ति को दर्शाता है। ऐसे स्टार्टअप की कुल संख्या वर्ष 2017 में 1,943 से बढ़कर 2024 में 17,405 हो गई है।