New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM July Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 14th July 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM July Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 14th July 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM

वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक

(प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, आर्थिक एवं सामाजिक विकास)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें)

संदर्भ 

  • भारत में आर्थिक लेन-देन का सबसे विश्वसनीय एवं लोकप्रिय माध्यम यू.पी.आई. (Unified Payments Interface) बन चुका है जिससे लेन-देन अधिक सुगम, तेज व पारदर्शी हुआ है। हालाँकि, इसके साथ-साथ वित्तीय साइबर अपराधों में भी तीव्र वृद्धि हुई है जो नागरिकों के आर्थिक हितों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है।
  • इस चुनौती से निपटने के लिए भारत सरकार ने दूरसंचार विभाग (DoT) के माध्यम से ‘वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक (Financial Fraud Risk Indicator: FRI)’ नामक एक तकनीकी उपाय विकसित किया है जो डिजिटल वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम है।

क्या है वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक (FRI) 

  • परिचय : यह डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म (DIP) के हिस्से के रूप में विकसित एक बहुआयामी विश्लेषणात्मक उपकरण का आउटपुट है जो साइबर धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए अग्रिम कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी उपलब्ध कराकर वित्तीय संस्थानों को सशक्त बनाता है।
  • उद्देश्य : वित्तीय धोखाधड़ी में प्रयुक्त मोबाइल नंबरों की पहचान और उन्हें सार्वजनिक रूप से चिह्नित करना
    • यह परिष्कृत जोखिम-मूल्यांकन मैट्रिक है जो मोबाइल नंबरों को उनके वित्तीय धोखाधड़ी के जोखिम के आधार पर मध्यम, उच्च एवं अत्यंत उच्च जोखिम जैसी तीन श्रेणियों में वर्गीकृत करता है। 
  • FRI के लाभ 
    • डिजिटल धोखाधड़ी को रोकना : संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान एवं लेन-देन पर निगरानी
    • वित्तीय संस्थानों को अग्रिम चेतावनी : जोखिमयुक्त नंबरों पर लेन-देन से पूर्व सतर्कता
    • उपयोगकर्ता संरक्षण : मोबाइल ऐप्स में ऑन-स्क्रीन अलर्ट एवं ट्रांजैक्शन ब्लॉक
  • डाटा स्रोत : यह संकेतक विभिन्न स्रोतों से प्राप्त सूचनाओं का विश्लेषण कर तैयार होता है जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
    • भारतीय साइबर क्राइम समन्वय केंद्र (I4C) का राष्ट्रीय साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP)
    • DoT का ‘चक्षु’ (Chakshu) प्लेटफॉर्म
    • बैंक एवं वित्तीय संस्थानों द्वारा साझा की गई गुप्त सूचनाएँ 
  • इस प्रकार यह वित्तीय संस्थानों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) तथा यू.पी.आई. सेवा प्रदाताओं को संदिग्ध नंबरों पर विशेष सुरक्षा उपाय लागू करने में सक्षम बनाता है।

FRI की कार्यप्रणाली

  • संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान : बैंकों, फिनटेक कंपनियों या साइबर अपराध नियंत्रण एजेंसियों द्वारा संदिग्ध मोबाइल नंबरों की रिपोर्टिंग की जाती है।
  • बहुआयामी विश्लेषण : सिस्टम उस नंबर का डाटा खंगालकर उसे मध्यम, उच्च या बहुत उच्च जोखिम में वर्गीकृत करता है।
  • डाटा साझाकरण : यह जानकारी फ़ोनपे, पेटीएम, गूगल पे जैसे UPI प्लेटफार्मों व बैंकों के साथ साझा की जाती है।
  • सुरक्षा कार्रवाई : फोन-पे जैसे प्लेटफॉर्म हाई-रिस्क नंबरों पर ट्रांजैक्शन को ब्लॉक करते हैं। इसके आलावा ऑन-स्क्रीन अलर्ट और लेन-देन की पुष्टि की प्रणाली अपनाई जाती है।

FRI का प्रभाव एवं कार्यान्वयन

  • प्रमुख यू.पी.आई. सेवा प्रदाताओं, जैसे- फ़ोनपे, पेटीएम एवं गूगल पे ने FRI को अपने प्लेटफॉर्म में सम्मिलित किया है।
    • उदाहरण के लिए, फ़ोनपे अत्यंत उच्च जोखिम वाले नंबरों पर लेन-देन रोकता है तथा उपयोगकर्ता को चेतावनी संदेश प्रदर्शित करता है।
  • मध्यम जोखिम वाले नंबरों के लिए लेन-देन पूर्व उपयोगकर्ता को सतर्क किया जाता है।
  • कुछ बैंक लेन-देन में विलंब तथा अतिरिक्त पुष्टि की प्रक्रिया अपनाकर धोखाधड़ी को रोकने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
  • इस प्रकार, यह प्रणाली पूरे डिजिटल वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में धोखाधड़ी को न्यूनतम करने की दिशा में सहायक सिद्ध हो रही है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR