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प्रथम भारतीय अंतरिक्ष पर्यटक

  • उद्यमी और पायलट गोपी थोटाकुरा को ब्लू ओरिजिन के ‘एनएस-25 मिशन’ पर एक पर्यटक के रूप में अंतरिक्ष में जाने के लिए चुना गया है।
  • अमेज़ॅन के संस्थापक जेफ बेजोस की अंतरिक्ष कंपनी ब्लू ओरिजिन ने अपने एनएस -25 मिशन के लिए छह-व्यक्ति दल की घोषणा की है। 
    • जिसमें मेसन एंजेल, सिल्वेन चिरोन, केनेथ एल हेस, कैरोल स्कॉलर, गोपी थोटाकुरा और पूर्व वायु सेना कप्तान एड ड्वाइट शामिल हैं।

INDIAN-ASTRONAUT

  • हाल के वर्षों में, अंतरिक्ष पर्यटन बहुत तेजी से बढ़ा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्ष 2023 में अंतरिक्ष पर्यटन बाजार का मूल्य 848.28 मिलियन डॉलर था।
  • अनुमान है कि वर्ष 2032 तक यह बढ़कर 27,861.99 मिलियन डॉलर हो जाएगा। 
  • हालाँकि, उच्च लागत और पर्यावरणीय चिंताओं जैसी कई चुनौतियाँ हैं, जो उद्योग के विकास को सीमित कर सकती हैं।

                                                                                          गोपी थोटाकुरा

  • गोपी थोटाकुरा का जन्म विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) में हुआ था।
  • उनकी स्कूली शिक्षा विशाखापत्तनम में  हुई और उन्होंने वैमानिकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। 
  • उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में पायलट बनने के लिए प्रशिक्षण लिया।
  • वह अटलांटा स्थित स्वास्थ्य और कल्याण कंपनी, प्रिजर्व लाइफ कॉर्प के सह-संस्थापक भी हैं।
  • गोपी वर्तमान में एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में मुख्य परिचालन अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। 
  • गोपी थोटाकुरा पर्यटक के रूप में अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय और अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे।
  • गौरतलब है कि, अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय विंग कमांडर राकेश शर्मा थे, जिन्होंने वर्ष 1984 में सोवियत अंतरिक्ष यान पर सैल्यूट 7 अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भरी थी।

अंतरिक्ष पर्यटन क्या है?

  • अंतरिक्ष पर्यटन मूल रूप से विमानन क्षेत्र का एक वर्ग है जो पर्यटकों को अंतरिक्ष यात्री बनने और मनोरंजन, अवकाश या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव प्रदान करने का अवसर प्रदान करता है। 
  • अंतरिक्ष पर्यटन के दो मुख्य प्रकार हैं, उप-कक्षीय और कक्षीय
  • उप-कक्षीय अंतरिक्ष यान यात्रियों को कार्मन रेखा से ठीक आगे ले जाता है - यह पृथ्वी की सतह से लगभग 100 किलोमीटर ऊपर स्थित है। कार्मन रेखा को पृथ्वी के वायुमंडल और बाहरी अंतरिक्ष के बीच की सीमा माना जाता है।
    • यहाँ यात्रियों को बाहरी अंतरिक्ष में कुछ मिनट बिताने और फिर पृथ्वी पर वापस आने का मौका मिलता है।
    • एनएस-25 मिशन, जिसका थोटाकुरा एक हिस्सा हैं, एक उप-कक्षीय मिशन है।
    • इन्हें ब्लू ओरिजिन द्वारा विशेष रूप से अंतरिक्ष पर्यटन के लिए विकसित एक पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य उप-कक्षीय प्रक्षेपण यान न्यू शेपर्ड के माध्यम से बाहरी अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा।
  • कक्षीय अंतरिक्ष यान यात्रियों को कार्मन रेखा से कहीं अधिक आगे ले जाता है। 
    • आमतौर पर, यात्री लगभग 1.3 मिलियन फीट की ऊंचाई पर कुछ दिनों से लेकर एक सप्ताह से अधिक समय बिता सकते हैं।
    • सितंबर 2021 में, स्पेस एक्स का फाल्कन 9 चार यात्रियों को 160 किमी की ऊंचाई पर ले गया जहां उन्होंने पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए तीन दिन बिताए।

चुनौतियाँ क्या हैं?

  • अत्यधिक खर्चीला : बाहरी अंतरिक्ष तक पहुँचने के लिए एक यात्री को आम तौर पर कम से कम दस लाख डॉलर का भुगतान करना पड़ता है। यह रकम लगभग हर किसी की पहुंच से बाहर है। 
  • पर्यावरणीय क्षति : रॉकेट, जिसके माध्यम यात्री अंतरिक्ष में जाते हैं, गैसीय और ठोस रसायनों को सीधे ऊपरी वायुमंडल में उत्सर्जित करते हैं जो पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकूल नहीं है।
    • शोधकर्ताओं ने वर्ष 2022 के एक अध्ययन में पाया कि रॉकेट लॉन्च से होने वाला उत्सर्जन अन्य स्रोतों की तुलना में वातावरण को गर्म करने में कहीं अधिक प्रभावी है।
  • सुरक्षा संबंधी चिंताएं : अंतरिक्ष जो अनंत है, वर्तमान समय में वहाँ की यात्रा सुरक्षा मुद्दों के घेरे में है।  
    • एस्ट्रोनॉमी मैगज़ीन के अनुसार, उच्च सुरक्षा मानकों के बावजूद, नवंबर 2023 तक कुल 676 लोग अंतरिक्ष में गए हैं और उनमें से 19 की मौत हो गई है।
    • इसका मतलब यह है कि लगभग 3% अंतरिक्ष यात्रियों की अंतरिक्ष उड़ान के दौरान मृत्यु हो गई।
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