चर्चा में क्यों ?
तमिलनाडु महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) सदस्यों को पहचान पत्र जारी करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है।

पहल के बारे में:
- पहल का आधिकारिक शुभारंभ उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सलेम जिले के करुप्पुर में किया।
- इस अवसर पर स्वयं सहायता समूहों को ₹3,500 करोड़ के ऋण वितरण की भी सुविधा प्रदान की गई।
- उद्देश्य:
- इस पहल का मुख्य उद्देश्य SHG सदस्यों को संस्थागत समर्थन प्रदान करना और वित्तीय एवं सामाजिक लाभ तक उनकी पहुँच को बढ़ाना है।
- राज्य में कार्यरत 5 लाख से अधिक SHGs को लाभ मिलेगा।
- महिलाओं के नेतृत्व वाली आर्थिक गतिविधियों में SHG की भूमिका को वैधता मिलेगी।
- पहल की उत्पत्ति:
- विचार पाँच महीने पहले तिरुवरूर में आयोजित सरकारी समारोह में आया, जब SHG सदस्यों ने सरकारी योजनाओं तक आसान पहुँच के लिए पहचान पत्र की मांग की।
- मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च 2025) के अवसर पर इस योजना की घोषणा की।
- यह कदम तमिलनाडु में 1989 से चल रहे SHG आंदोलन को आगे बढ़ाने का प्रयास है।
SHG पहचान पत्र के लाभ
- सरकारी बसों में 100 किलोमीटर तक निःशुल्क यात्रा।
- आविन, को-ऑप्टेक्स और मुख्यमंत्री मेडिकल स्टोर के उत्पादों पर विशेष छूट।
- कल्याणकारी योजनाओं और राज्य समर्थित बाज़ारों तक आसान पहुँच।
- लागत कम करने, वित्तीय स्वतंत्रता बढ़ाने और ग्रामीण व अर्ध-शहरी क्षेत्रों में समावेशी विकास को बढ़ावा।
मौजूदा महिला-केंद्रित योजनाओं के साथ संरेखण
योजना
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विवरण
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मगलिर विदियाल पयानम
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पिछले 4.5 वर्षों में महिलाओं द्वारा 770 करोड़ से अधिक मुफ्त बस यात्राएं।
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मगालीर उरीमाई थोगाई योजना
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वर्तमान में 1.15 करोड़ महिलाओं को ₹1,000 मासिक सहायता। पात्रता में सुधार जारी।
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खेल, शिक्षा और स्वास्थ्य योजनाएँ
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महिलाओं और लड़कियों के लिए योजनाओं का विस्तार।
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प्रश्न. महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) को पहचान पत्र जारी करने वाले भारत का पहला राज्य बना ?
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