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देश में पहली बार रेलवे ट्रैक के बीच सोलर पैनल से बिजली उत्पादन

चर्चा में क्यों ?

देश में पहली बार बनारस रेल इंजन कारखाना (BLW) में रेलवे ट्रैक के बीच सोलर पैनल स्थापित किया गया है।

 परियोजना के बारे में

  • यह परियोजना पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है 
  • ये प्रतिदिन लगभग 67 यूनिट बिजली उत्पादन करने में सक्षम होगी।
  • 15 अगस्त को BLW के महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने फीता काटकर इस सोलर पैनल का उद्घाटन किया।

तकनीकी विशेषताएँ:

  • पैनलों को एपॉक्सी एडहेसिव से कंक्रीट स्लीपर पर चिपकाया गया है।
  • इससे धातु और कंक्रीट के बीच मजबूत बंधन सुनिश्चित होता है।
  • 70 मीटर लंबे ट्रैक पर कुल 28 पैनल लगाए गए हैं,जिनकी कुल क्षमता 15 किलोवाट पीक है।
  • पैनलों में रबर माउंटिंग पैड और SS एलन बोल्ट का उपयोग किया गया है, ताकि ट्रेन गुजरने से उत्पन्न कंपन को कम किया जा सके।
  • पैनलों की सफाई आसान है और आवश्यकता पड़ने पर इन्हें तुरंत हटाया जा सकता है, जिससे रखरखाव आसान हो जाता है।

परियोजना का महत्व:

  • यह नवाचार भारतीय रेलवे के हरित ऊर्जा उत्पादन प्रयास को बढ़ावा देगा।
  • BLW परिसर में पहले से स्थापित रूफटॉप सोलर पावर प्लांट्स के साथ मिलकर यह प्रणाली अधिक सतत ऊर्जा उत्पादन में योगदान करेगी।
  • भारतीय रेलवे के 1.2 लाख किमी ट्रैक नेटवर्क में यार्ड लाइनों का उपयोग कर इस तकनीक को व्यापक स्तर पर अपनाया जा सकता है।
  • यह परियोजना रेलवे को नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम प्रदान करती है।

प्रश्न. भारत में पहली बार रेलवे ट्रैक के बीच सोलर पैनल कहाँ स्थापित किया गया है ?

(a) इंदौर रेल कारखाना

(b) बनारस रेल इंजन कारखाना 

(c) हुबली रेल कारखाना

(d) पटना रेल कारखाना

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