New
The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video

कोविड सहायता में बाधक विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम

(प्रारंभिक परीक्षा- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग- गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका) 

संदर्भ

अस्पतालों, धर्मार्थ ट्रस्टों व भारतीय चिकित्सा संस्थाओं को विदेशी दानकर्ता व्यक्तियों या दानकर्ता संस्थाओं से कोविड-19 राहत सामग्री प्राप्त होने की उम्मीद है। हालाँकि जब तक इन संस्थाओं को चिकित्सा देखभाल के उद्देश्य ‘विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम’ (FCRA) के तहत पंजीकृत नहीं किया जाता है, तब तक उन्हें प्राप्त होने वाली विदेशी धनराशि को वैध नहीं माना जा सकता है। 

नवीनतम अधिसूचना

  • सरकार ने विदेशों से दान के रूप में प्राप्त होने वाली ‘महामारी राहत सामग्री’ को देश में मुफ्त वितरित करने का फैसला लिया है तथा यह घोषित किया है कि इस सामग्री के आयात को जी.एस.टी. से मुक्त रखा जाएगा। साथ ही, प्रतिनिधि राज्य इस तरह के आयात को प्राप्त करने वाली संस्थाओं को प्रमाणित भी करेंगे।
  • हालाँकि एफ.सी.आर.ए. कानून के तहत विदेशी सामग्री या नकद दान प्राप्त करने वाली प्रत्येक घरेलू इकाई को गृह मंत्रालय से अनुमति प्राप्त करनी अनिवार्य होगी। 

समस्याएँ

  • नवीनतम अधिसूचना इच्छित उद्देश्य को पूरा करने में सक्षम नहीं है क्योंकि एफ.सी.आर.ए. के तहत पंजीकरण के बिना कोई भी संस्था जीवन रक्षा के लिये विदेशों से नकद धनराशि या अन्य सामग्री प्राप्त नहीं कर सकती है।
  • इसके अलावा, इस तरह के विदेशी योगदान के उपयोग का उद्देश्य एफ.सी.आर.ए. पंजीकरण के समय ट्रस्ट के निर्दिष्ट उद्देश्य से भी मेल खाना चाहिये।
  • उल्लेखानीय है कि एफ.सी.आर.ए. कानून में पिछले वर्ष सितंबर में संशोधन किया गया था। इस संशोधन के तहत यदि कोई संस्था, उसे प्राप्त होने वाले विदेशी योगदान को किसी अन्य व्यक्ति को हस्तांतरित करती है तो ऐसी स्थिति में इन संस्थाओं को विदेशी अंशदान प्राप्त करने से प्रतिबंधित किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त, इस संशोधन के पश्चात् स्थिति यह है कि एफ.सी.आर.ए. के तहत पंजीकृत होने वाले किसी एन.जी.ओ. के पदाधिकारी को आधार नंबर देना अनिवार्य होगा। 

प्रभाव

  • नई अधिसूचना में अस्पष्टता तथा एफ.सी.आर.ए. अधिनियम के सख्त प्रावधानों के कारण मुकदमों की संख्या में वृद्धि हो सकती है, जो बड़े दानदाताओं की ऑक्सीजन प्लांट और कंसंट्रेटर्स जैसे उपकरण खरीदने की योजना को प्रभावित कर रही है। इससे भारतीय अस्पतालों, ग्रामीण क्षेत्रों की कमज़ोर स्वास्थ्य अवसंरचना और छोटी चैरिटियों में सुधार करने में समस्या का सामना करना पड़ेगा।
  • इससे एफ.सी.आर.ए. के तहत पंजीकृत संस्थाओं के लिये मरीजों, छोटे एन.जी.ओ. या अन्य समूहों को राहत सामग्री प्रदान करना मुश्किल हो जाता है तथा महत्त्वपूर्ण दवाओं की दानस्वरूप आपूर्ति करने में भी समस्या आती है। स्पष्ट है कि विदेशों से दानस्वरूप प्राप्त होने वाली चिकत्सीय सामग्री भारत के स्वास्थ्य खर्च में कमी करेंगी।
  • साथ ही, बड़े अस्पतालों में विदेशी दानदाताओं द्वारा ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने की योजना भी एफ.सी.आर.ए. मंजूरी के अभाव में प्रभावित हो रही है।
  • एफ.सी.आर.ए. कानून के तहत केंद्र सरकार ने आयात किये जाने वाले उत्पादों को कोई विशेष छूट प्रदान नहीं की है, अत: कोविड-19 से संबंधित सामग्री के लिये भी आयातकों को कोई छूट उपलब्ध नहीं है।
  • यह अधिसूचना केवल एफ.सी.आर.ए. अनुमोदन के साथ-साथ राज्य द्वारा अनुमोदित संस्थाओं के लिये और स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति के लिये ही लाभकारी हो सकती है। 

संभावित उपाय

  • यह सिर्फ आयातित वस्तुओं पर जी.एस.टी. से छूट प्रदान करने से संबंधित नहीं है।सरकार को इस इस स्थिति को और स्पष्ट करना चाहिये कि एफ.सी.आर.ए. नियम कोविड-19 राहत सामग्री के आयात पर लागू नहीं होंगे।
  • चूँकि एफ.सी.आर.ए. के तहत मंजूरी प्राप्त करने में अत्यधिक समय लगता है, इसलिये सरकार को ऐसे सभी दानों को मंजूरी प्रदान करने वाले कानूनों को भी स्पष्ट करना चाहिये।
  • एफ.सी.आर.ए. कानून के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को प्रत्यक्ष या एक या एक से अधिक व्यक्तियों के माध्यम से प्राप्त होने वाली प्रत्येक विदेशी वस्तु, मुद्रा व विदेशी प्रतिभूति का दान, वितरण या हस्तांतरण को विदेशी योगदान माना जाएगा। 3 मई की अधिसूचना में उल्लिखित आयातित उत्पादों को विदेशी योगदान की इस परिभाषा के दायरे में रखा जा सकता है। 

एफ.सी.आर.ए. से संबंधित कुछ प्रमुख दिशा-निर्देश

  • भारत सरकार ने विदेशी अंशदान की स्वीकृति व विनियमन के उद्देश्य से वर्ष 1976 में विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम लागू किया था।
  • एफ.सी.आर.ए. के तहत पंजीकृत संस्था को किसी वित्तीय वर्ष के पूरा होने के 9 माह के भीतर आय-व्यय का विवरण, प्राप्ति व भुगतान खाते, बही खाते आदि का प्रतिवर्ष ऑनलाइन विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है।
  • किसी पंजीकृत संस्था को किसी वित्तीय वर्ष में कोई विदेशी अंशदान न प्राप्त होने की स्थिति में भी नियत अवधि में उस वित्त वर्ष के लिये शून्य रिटर्न (Nil Return) भरना होता है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR