(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) |
संदर्भ
विश्व एथलेटिक्स ने हाल ही में महिला श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करने के लिए नए पात्रता नियमों को मंजूरी दी है, जो 1 सितंबर, 2025 से लागू होंगे। इन नियमों के तहत सितंबर 2025 में टोक्यो में होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लेने वाली भारतीय महिला एथलीटों को SRY जीन परीक्षण से गुजरना होगा।
SRY जीन परीक्षण क्या है
- यह जीन परीक्षण एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति के जैविक लिंग की पुष्टि करने के लिए SRY जीन (Sex-determining Region Y) की उपस्थिति की जांच करती है।
- यह जीन Y क्रोमोसोम पर पाया जाता है, जो पुरुष विशेषताओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- यदि परीक्षण का परिणाम नकारात्मक (Negative) आता है, यानी SRY जीन अनुपस्थित होता है, तो एथलीट को महिला श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति दी जाती है।
- यह परीक्षण आमतौर पर गाल के स्वाब (Cheek Swab) या रक्त परीक्षण के माध्यम से किया जाता है।
- इस प्रक्रिया का पर्यवेक्षण विश्व एथलेटिक्स द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार सदस्य महासंघों द्वारा किया जाता है।
प्रक्रिया
- नमूना संग्रह : एथलीट का स्वाब या रक्त नमूना लिया जाता है।
- जीन विश्लेषण : प्रयोगशाला में नमूने की जाँच की जाती है ताकि SRY जीन की उपस्थिति या अनुपस्थिति का पता लगाया जा सके।
- परिणाम : यदि SRY जीन नहीं पाया जाता है, तो एथलीट को जैविक रूप से महिला माना जाता है और वह महिला श्रेणी में प्रतिस्पर्धा कर सकती है।
विश्व एथलेटिक्स के नए नियम
विश्व एथलेटिक्स ने जून 2025 में घोषणा की थी कि विश्व रैंकिंग प्रतियोगिताओं में महिला श्रेणी में भाग लेने के लिए नए पात्रता नियम लागू किए जाएंगे। इन नियमों के तहत:
- टोक्यो विश्व चैंपियनशिप में भाग लेने वाली सभी एथलीटों को SRY जीन परीक्षण कराना अनिवार्य है।
- यह परीक्षण एक बार किया जाएगा और इसे मुख स्वाब या रक्त परीक्षण के माध्यम से सुविधाजनक तरीके से पूरा किया जा सकता है।
- विश्व एथलेटिक्स के अध्यक्ष सेबेस्टियन कोए के अनुसार यह नियम महिला खेलों की शुचिता को बनाए रखने और जैविक लिंग के आधार पर निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है।
भारतीय एथलीटों के लिए
- भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (AFI) ने विश्व एथलेटिक्स के निर्देशों का पालन करते हुए टोक्यो चैंपियनशिप के लिए अर्हता प्राप्त करने वाली भारतीय महिला एथलीटों के लिए SRY जीन टेस्ट की व्यवस्था की है।
- AFI ने कहा कि समय की कमी के कारण महासंघ स्वयं इन परीक्षणों को आयोजित करेगा किंतु राज्य इकाइयों को अपने शीर्ष एथलीटों या अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भाग लेने वाले एथलीटों के लिए जीन परीक्षण शुरू करने के लिए कहा गया है।
- यह सुनिश्चित करता है कि भारतीय एथलीट वैश्विक मानकों के अनुरूप हों और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा में भाग ले सकें।
जीन परीक्षण के लाभ
- निष्पक्षता सुनिश्चित करना : यह परीक्षण जैविक लिंग की पुष्टि करके महिला श्रेणी में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है।
- महिला खेलों की शुचिता : यह नियम महिलाओं के खेल में विश्वास को मजबूत करता है जिससे अधिक महिलाएँ खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित होती हैं।
- वैश्विक मानकों का पालन : भारतीय एथलीटों को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार करता है, जिससे उनकी पात्रता पर कोई सवाल नहीं उठता है।
- पारदर्शिता : यह प्रक्रिया पारदर्शी और वैज्ञानिक है, जो विवादों को कम करती है।
आलोचना
- गोपनीयता का मुद्दा : कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि जीन परीक्षण एथलीटों की निजता का उल्लंघन कर सकता है।
- मनोवैज्ञानिक प्रभाव : परीक्षण प्रक्रिया कुछ एथलीटों के लिए मानसिक तनाव का कारण बन सकती है।
- विवादास्पद इतिहास : मार्च 2023 में विश्व एथलेटिक्स द्वारा ट्रांसजेंडर एथलीटों पर प्रतिबंध के बाद जीन परीक्षण को भी कुछ लोग भेदभावपूर्ण मानते हैं।
- संसाधनों की कमी : भारत जैसे देशों में इस प्रक्रिया को लागू करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि कुछ राज्य इकाइयों के पास उन्नत परीक्षण सुविधाएँ नहीं हैं।
आगे की राह
- जागरूकता और प्रशिक्षण : एथलीटों और कोचों को जीन परीक्षण की प्रक्रिया एवं इसके महत्व के बारे में शिक्षित करना
- सुविधाओं का विकास : राज्य स्तर पर टेस्टिंग सुविधाओं को बढ़ाना ताकि प्रक्रिया को आसान और सुलभ बनाया जा सके।
- निजता का सम्मान : परीक्षण प्रक्रिया को गोपनीय और संवेदनशील तरीके से संचालित करना
- वैश्विक सहयोग : विश्व एथलेटिक्स और अन्य खेल संगठनों के साथ मिलकर निष्पक्ष एवं समावेशी नीतियाँ विकसित करना