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गोल्डन डोम

(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव)

संदर्भ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के हितों की रक्षा के लिए अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस शील्ड ‘गोल्डन डोम’ के लिए अमेरिकी कांग्रेस से धन मुहैया कराने का अनुरोध किया है। 

गोल्डन डोम परियोजना के बारे में 

  • गोल्डन डोम परियोजना अमेरिका का एक राष्ट्रीय मिसाइल रक्षा कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य बैलिस्टिक, हाइपरसोनिक एवं क्रूज मिसाइलों की एक शृंखला सहित हवाई खतरों से अमेरिका को बचाना है। 
  • इजरायल के आयरन डिफेंस सिस्टम से प्रेरित अमेरिका के गोल्डन डोम में अंतरिक्ष-आधारित सेंसर एवं इंटरसेप्टर जैसी उन्नत तकनीक को शामिल किए जाने की संभावना है जिनमें शामिल हैं : 
    • स्पेस-बेस्ड इंफ़्रारेड सिस्टम (SBIRS) : मिसाइल के लॉन्च को डिटेक्ट करने के लिए सैटेलाइट्स का इस्तेमाल
    • ग्राउंड-बेस्ड मिडकोर्स डिफेंस (GMD) : लक्ष्य मिसाइल को मिडकोर्स (बीच रास्ते) में ही नष्ट कर सकने के लिए इंटरसेप्टर मिसाइल 
    • एजिस बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD) : समुद्र व स्थल आधारित यह प्रणाली छोटी एवं मध्यम दूरी की मिसाइलों को रोकने में सक्षम 
    • थाड (THAAD) : टर्मिनल फेज में मिसाइल को नष्ट करने के लिए मोबाइल लैंड-बेस्ड सिस्टम 
    • पैट्रियट एडवांस्ड कैपेबिलिटी-3 (PAC-3) : छोटी दूरी की मिसाइलों को लक्ष्य बनाने में सक्षम

क्या होती है मिसाइल रक्षा प्रणाली 

  • मिसाइल रक्षा प्रणाली एक जटिल सैन्य प्रणाली है जिसमें कई तकनीकें शामिल होती हैं। 
  • इन्हें उड़ान के विभिन्न चरणों में आने वाले बैलिस्टिक हथियारों का पता लगाने, उन्हें ट्रैक करने और इंटरसेप्ट करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य बैलिस्टिक मिसाइल को हवा में ही नष्ट करना है। मिसाइल की सटीक स्थिति निर्धारित करने में मदद के लिए कई स्थानों पर ग्राउंड-आधारित इंटरसेप्टर भी तैनात किए जाते हैं।
  • इसमें स्थल एवं जहाज आधारित युद्धपोतों में तैनात उन्नत मिसाइलों की मदद से लक्ष्य का पता लगाकर उस पर हमला किया जाता है। 
    • अमेरिका की थाड (THAAD) प्रणाली भी इसी सिद्धांत पर आधारित है। यह हिट-टू-किल तकनीक का उपयोग करती है जो आने वाले मिसाइलों से टकराकर उन्हें नष्ट कर देती है।
  • मिसाइल रक्षा प्रणाली तीन चरणों में कार्य करती है-
    • बूस्ट फेज : जब मिसाइल लॉन्च होती है। 
    • मिडकोर्स फेज : जब मिसाइल ऊंचाई पर होती है। 
    • टर्मिनल फेज : जब मिसाइल अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती है।

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