संदर्भ
अमेरिकी संघीय न्यायालय के एक ऐतिहासिक फैसले (2025) ने सर्च डाटा पर गूगल के एकाधिकार को लेकर चिंताएँ बढ़ा दी हैं। इस फैसले में सवाल उठाया गया है कि क्या Google के अनन्य समझौते और व्यवहार डिजिटल बाज़ारों में प्रतिस्पर्धा को अनुचित रूप से अवरुद्ध करते हैं?
अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी
- गूगल ने डिवाइस निर्माताओं और ब्राउज़रों (जैसे, Apple, Android) के साथ सौदे करके सर्च इंजन बाज़ार में अवैध रूप से अपना एकाधिकार बनाए रखा।
- इन प्रथाओं ने प्रतिद्वंद्वी सर्च इंजनों को उपयोगकर्ताओं और डाटा तक पहुँचने से रोक दिया।
- यह फैसला गूगल के डाटा अंतराल (Data Moat) को कमजोर कर सकता है, जिससे उसे प्रतिस्पर्धियों के साथ स्थान साझा करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
क्या है ‘डाटा मोट’ (Data Moat) की अवधारणा
डाटा मोट विशाल उपयोगकर्ता डाटा तक अनन्य पहुँच, सर्च एल्गोरिदम और विज्ञापन लक्ष्यीकरण में सुधार द्वारा बनाए गए प्रतिस्पर्धात्मक लाभ को संदर्भित करता है।
संभावित प्रभाव
- गूगल को डिवाइस निर्माताओं के साथ व्यावसायिक अनुबंधों में बदलाव करने के लिए मजबूर किया जा सकता है।
- यह गूगल के प्रतिस्पर्धियों (जैसे Bing, DuckDuckGo, AI-संचालित सर्च टूल) के लिए अवसर खोलता है।
- यह गूगल के मुख्य राजस्व स्रोत ‘डिजिटल विज्ञापन’ पर इसके प्रभुत्व को कम कर सकता है।
वैश्विक महत्त्व
- अमेरिकी तकनीकी विनियमन के लिए इसे Microsoft (1990 के दशक) के बाद सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धा-विरोधी कार्रवाई माना जा रहा है।
- भारत के संदर्भ में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) पहले ही एंड्रायड पारिस्थितिकी तंत्र में प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं के लिए गूगल पर जुर्माना लगा चुका है।
- यह निर्णय डिजिटल बाज़ार विनियमन के लिए भारत के पक्ष को मज़बूत करता है।
- यह तकनीकी विनियमन, डाटा संरक्षण और डिजिटल संप्रभुता के लिए वैश्विक प्रयासों के साथ संरेखित है।