चर्चा में क्यों ?
भारत सरकार ने हाल ही में सरदार वल्लभभाई पटेल और बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती तथा अटल बिहारी वाजपेयी की शताब्दी वर्ष (100वीं जयंती) मनाने के लिए तीन अलग-अलग उच्च स्तरीय समितियाँ गठित की हैं। इन तीनों समितियों की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

सरदार वल्लभभाई पटेल (1875–1950)
- जन्म: 31 अक्टूबर, 1875 (नडियाद, गुजरात)
- उपाधि: भारत का लौह पुरुष
- योगदान:
- स्वतंत्र भारत में 500 से अधिक रियासतों का एकीकरण।
- भारत की प्रशासनिक व्यवस्था और अखंडता की नींव रखने में अहम भूमिका।
- प्रथम उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री।
- सम्मान: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (2018) के माध्यम से राष्ट्र ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
बिरसा मुंडा (1875–1900)
- जन्म: 15 नवंबर, 1875 (उलीहातु, झारखंड)
- उपाधि: धरती आबा
- योगदान:
- उलगुलान आंदोलन (1899-1900) का नेतृत्व, जो अंग्रेजों और जमींदारों के शोषण के खिलाफ था।
- आदिवासियों को उनकी भूमि और जल-जंगल-जमीन के अधिकार के लिए प्रेरित किया।
- 25 वर्ष की आयु में ही शहादत, लेकिन आदिवासी चेतना और स्वतंत्रता आंदोलन में अमर योगदान।
- विरासत:
- भारत सरकार ने 2000 में झारखंड राज्य का गठन बिरसा मुंडा की जयंती (15 नवंबर) पर किया।
- उनकी स्मृति में बिरसा मुंडा जेल (रांची) और कई राष्ट्रीय संस्थानों का नामकरण।
अटल बिहारी वाजपेयी (1924-2018)
- जन्म: 25 दिसंबर, 1924 (ग्वालियर, मध्य प्रदेश)
- उपाधि: भारत रत्न, कवि, राजनेता, ओजस्वी वक्ता
- राजनीतिक योगदान:
- तीन बार भारत के प्रधानमंत्री (1996, 1998–99, 1999–2004)।
- परमाणु शक्ति सम्पन्न भारत: 1998 पोखरण-II परमाणु परीक्षण।
- बुनियादी ढांचे के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज योजना।
- पड़ोसी देशों से संबंध सुधारने के लिए लाहौर बस यात्रा एवं शांति प्रयास।
- विरासत:
- अटल पेंशन योजना, अटल टनल, अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय जैसे नामकरण।
- 2015 में भारत रत्न से सम्मानित।
महत्व और विश्लेषण
- राष्ट्रीय एकता का प्रतीक: पटेल के योगदान से भारत की राजनीतिक एकता सुनिश्चित हुई।
- आदिवासी गौरव का प्रतीक: बिरसा मुंडा आज भी आदिवासी समाज में सांस्कृतिक प्रतिरोध और आत्मसम्मान के प्रतीक हैं।
- लोकतांत्रिक नेतृत्व का आदर्श: वाजपेयी ने लोकतंत्र, सर्वसमावेशिता और विकास को अपने नेतृत्व से नई दिशा दी।
- समितियों का उद्देश्य:
- इन महान विभूतियों के योगदान को व्यापक स्तर पर प्रचारित करना।
- युवाओं और आमजन को राष्ट्रनिर्माण के लिए प्रेरित करना।
- उनके विचारों को राष्ट्रीय नीतियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जोड़ना।
प्रश्न. हाल ही में केंद्र सरकार ने किन तीन महान नेताओं की जयंती समारोह के लिए उच्च स्तरीय समितियाँ गठित की हैं ?
(a) महात्मा गांधी, नेहरू, टैगोर
(b) पटेल, बिरसा मुंडा और अटल बिहारी वाजपेयी
(c) सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, राम मनोहर लोहिया
(d) रामानुजन, विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर
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