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ज्ञान भारतम और पांडुलिपियों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन

चर्चा में क्यों ?

  • भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय एक ऐतिहासिक राष्ट्रीय पहल ‘ज्ञान भारतम्’ का शुभारंभ करने जा रहा है। 
  • यह पहल भारत की पांडुलिपि विरासत के संरक्षण, डिजिटलीकरण और वैश्विक प्रसार के लिए समर्पित है। 
  • इसे भारत की सभ्यतागत जड़ों के प्रति श्रद्धांजलि और 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण में एक दूरदर्शी कदम माना जा सकता है।

सम्मेलन और आयोजन

  • संस्कृति मंत्रालय 11 से 13 सितंबर 2025 तक विज्ञान भवन, नई दिल्ली में पहला ज्ञान भारतम अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है। 
  • यह सम्मेलन देश-विदेश के विद्वानों, विशेषज्ञों, संस्थानों और सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं सहित 1,100 से अधिक प्रतिभागियों को एकत्रित करेगा। 
  • सम्मेलन का उद्देश्य भारत की पांडुलिपि विरासत के संरक्षण, डिजिटलीकरण और वैश्विक साझा करने की दिशा में सहयोगी मंच तैयार करना है।
  • सम्मेलन में आठ कार्य समूहों के माध्यम से विचार-विमर्श होगा, जिनमें लिपि गूढ़लेखन, दस्तावेज़ीकरण, डिजिटलीकरण, संरक्षण, कानूनी ढाँचा और शिक्षा में पांडुलिपि ज्ञान के एकीकरण जैसे विषय शामिल हैं।

ज्ञान भारतम् का उद्देश्य

  • ‘ज्ञान भारतम्’ पहल का उद्देश्य एक दूरदर्शी राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में भारत की पांडुलिपि संपदा का संरक्षण और प्रसार करना है। इसके प्रमुख उद्देश्य निम्न हैं:
    • राष्ट्रव्यापी पांडुलिपि रजिस्टर: भारत की सभी पांडुलिपियों की पहचान और दस्तावेज़ीकरण।
    • संरक्षण और पुनर्स्थापन: नाजुक ग्रंथों का संरक्षण और पुनर्स्थापन।
    • डिजिटलीकरण: एआई-संचालित उपकरणों का उपयोग करके बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण और राष्ट्रीय डिजिटल भंडार का निर्माण।
    • अनुसंधान और प्रकाशन: दुर्लभ पांडुलिपियों के अनुसंधान, अनुवाद और प्रकाशन।
    • क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण: विद्वानों और संरक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम।
    • वैश्विक साझेदारी: भारत की पांडुलिपि विरासत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना और शिक्षा में एकीकरण।

तकनीकी नवाचार और सहयोग

  • संस्कृति मंत्रालय ने ज्ञान-सेतु एआई नवाचार चुनौती शुरू की है, जिसमें अब तक 40 से अधिक प्रविष्टियाँ प्राप्त हो चुकी हैं। चयनित नवाचार सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री और केंद्रीय अधिकारियों की भागीदारी

  • प्रधानमंत्री 12 सितंबर को सम्मेलन को संबोधित करेंगे और कार्य समूहों की प्रस्तुतियाँ सुनेंगे।
  • भारत के गृह मंत्री 13 सितंबर को समापन सत्र की अध्यक्षता करेंगे।
  • संस्कृति मंत्रालय के सचिव श्री विवेक अग्रवाल, अतिरिक्त सचिव सुश्री अमिता प्रसाद सरभाई और आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने प्रेस वार्ता में इस पहल की जानकारी दी।

प्रश्न. ‘ज्ञान भारतम्’ पहल किस मंत्रालय द्वारा शुरू की जा रही है ?

(a) शिक्षा मंत्रालय

(b) संस्कृति मंत्रालय

(c) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय

(d) सूचना और प्रसारण मंत्रालय

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