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अंतरिक्ष यात्रा के स्वास्थय संबंधी खतरें

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3; विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव; अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी।)

संदर्भ

स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन द्वारा 18 मार्च 2025 को 9 माह की अंतरिक्ष यात्रा के बाद अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से बुच विल्मोर, सुनीता विलियम्स सहित चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा।

अंतरिक्ष यात्रा के स्वास्थय संबंधी खतरें

  • अंतरिक्ष यात्रा के दौरान अंतरिक्ष यात्री माइक्रोग्रैविटी, विकिरण और अलगाव के लंबे समय तक संपर्क के कारण महत्त्वपूर्ण शारीरिक परिवर्तनों का अनुभव करते हैं।
  • मांसपेशियों, हड्डियों और मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका गंभीर प्रभाव होता है।
  • अंतरिक्ष यात्रा से संबंधी प्रमुख स्वास्थय खतरें निम्नलिखित हैं:-

माइक्रोग्रैविटी में मांसपेशियों और हड्डियों की क्षति

  • माइक्रोग्रैविटी में शरीर की मांसपेशियाँ (विशेष तौर पर पीठ के निचले हिस्से, पैर और कोर की मांसपेशियाँ) अपनी क्षमता खो देती हैं क्योंकि उनका उपयोग शरीर के वजन को सहारा देने के लिए नहीं किया जा रहा होता है। 
  • इसी तरह, हड्डियों, खास तौर पर रीढ़, कूल्हों और पैरों में खनिज की कमी हो होने के कारण फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ जाता है। 
  • पृथ्वी पर लौटने पर, अंतरिक्ष यात्रियों को खड़े होने, चलने और संतुलन बनाने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है क्योंकि उनके मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम (Musculoskeletal Systems) गुरुत्वाकर्षण के अनुसार समायोजित होते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य और एकाकीपन से निपटना

  • लंबे समय तक अकेले रहने और अनिश्चितता के कारण तनाव , चिंता और यहाँ तक ​​कि अवसाद भी हो सकता है। 
  • मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए, अंतरिक्ष एजेंसियां ​​संरचित दिनचर्या, परिवार और मनोवैज्ञानिकों के साथ निर्धारित संचार व फिल्में, संगीत तथा पढ़ने जैसी मनोरंजक गतिविधियों को लागू करती हैं।

ब्रह्मांडीय विकिरण का प्रभाव

  • ब्रह्मांडीय विकिरण के लंबे समय तक संपर्क में रहने से प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर हो जाती है। 
    • जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को संक्रमण का ख़तरा ज़्यादा होता है और घाव भरने की प्रक्रिया भी धीमी होती है।
  • इससे हृदय संबंधी बीमारियों और कुछ कैंसर का ख़तरा भी बढ़ जाता है। 

अन्य स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ

  • त्वचा में परिवर्तन : अंतरिक्ष यात्रियों के पैरों में तलवों पर त्वचा का मोटा हिस्सा खत्म हो जाता है जिससे वे शिशुओं के पैरों के समान मुलायम हो जाते हैं। 

  • गुरुत्वाकर्षण बीमारी (GravitySickness) : पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के साथ फिर से तालमेल बिठाना, जिससे खड़े होने, नज़र स्थिर रखने और चलने में परेशानी होती है।
    • वेस्टिबुलर डिसफंक्शन (Vestibular dysfunction) शरीर के संतुलन को प्रभावित करता है।
  • ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन: गुरुत्वाकर्षण में बदलाव के कारण हृदय से सिर तक रक्त पहुँचने में कठिनाई के कारण शरीर के ऊपरी हिस्सों में अन्य शारीरिक तरल पदार्थ जमा हो जाते हैं,जिससे वे फूले हुए दिखते हैं। 
  • हड्डियों का घनत्व कम होना: अंतरिक्ष में हर महीने, अगर अंतरिक्ष यात्री व्यायाम नहीं करते हैं, तो उनकी वजन सहन करने वाली हड्डियों के घनत्व में  लगभग 1% कमी हो जाती हैं।
  • दृष्टि समस्या: स्पेसफ़्लाइट-एसोसिएटेड न्यूरो-ओकुलर सिंड्रोम (SANS) स्थायी दृष्टि समस्याओं का कारण बन सकता है।

अन्तरिक्ष यात्रियों का पुनर्वास

  • अंतरिक्ष एजेंसियाँ मिशन के बाद उनके प्रतिरक्षा स्वास्थ्य की निगरानी करती हैं और जीवनशैली में बदलाव की सलाह देती हैं।
  • अंतरिक्ष यात्रियों को तनाव को प्रबंधित करने के लिए लचीलापन-निर्माण तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाता है। 
  • एक बार पृथ्वी पर वापस आने के बाद, वे सामान्य जीवन में आसानी से फिर से एकीकृत होने के लिए प्राय: मनोवैज्ञानिक उपचार और परामर्श से गुजरते हैं।
    • हालाँकि पुनर्वास के साथ अधिकांश प्रभाव ठीक हो जाते हैं लेकिन हड्डियों के नुकसान और विकिरण जोखिम जैसे दीर्घकालिक जोखिमों के लिए निरंतर चिकित्सा निगरानी की आवश्यकता होती है।
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