जिस दिन मतगणना होती है, उस दिन चुनाव लड़ रहे सभी दलों के उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों की मौजूदगी में स्ट्रांग रूम का ताला खोला जाता है.
इस दौरान रिटर्निंग ऑफिसर और चुनाव आयोग के स्पेशल ऑब्जर्वर भी मौजूद रहते हैं और वही ताला खोलते हैं
इस दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाती है
मतगणना सुबह आठ बजे से शुरू होती है
मतगणना में सबसे पहले रिटर्निंग अफ़सर और उनके सहयोगी सबके सामने वोटों की गोपनीयता की शपथ लेते हैं.
मतगणना शुरू होने के पहले रिटर्निंग अफ़सर की मौजूदगी में सभी ईवीएम की जांच की जाती है.
राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को अपने काउंटिंग एजेंटों के साथ मतगणना केंद्रों में मौजूद रहने का अधिकार है.
काउंटिंग एजेंट वोटों की गिनती को देख सकते हैं
मतगणना केंद्र के अंदर मतगणना कर्मचारी, रिटर्निंग ऑफिसर, सुरक्षा कर्मी और एजेंट ही जा सकते हैं.
जब तक वोटों की गिनती पूरी नहीं हो जाती, तब तक किसी भी उम्मीदवार के एजेंट को बाहर जाने की इजाजत नहीं मिलती है.
ड्यूटी पर तैनात लोगों के आलावा कोई भी मोबाइल अंदर नहीं ले सकता है
सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती की जाती है
डाक मतपत्रों की गिनती शुरू होने के बाद, 30 मिनट के बाद ईवीएम पर मतों की गिनती शुरू हो जाती है।
मतगणना के लिए ईवीएम की कंट्रोल यूनिट काउंटिंग वाली टेबल पर लाई जाती है.
इसकी निगरानी सीसीटीवी कैमरों और वीडियोग्राफी से होती है.
टेबल पर रखने के बाद हर एक कंट्रोल यूनिट की यूनिक आईडी और सील का मिलान किया जाता है, फिर इसे हर उम्मीदवार के पोलिंग एजेंट को भी दिखाया जाता है.
इसके बाद कंट्रोल यूनिट में एक बटन दबाने के बाद हर उम्मीदवार का वोट EVM में उसके नाम के आगे दिखने लगता है.
मतदान केंद्रों के हिसाब से एक क्रम में रखे गए ईवीएम में पड़े कुल वोटों और फिर अलग-अलग उम्मीदवारों को मिले वोटों को दर्ज किया जाता है
इसके बाद सभी मतदान केंद्रों की ईवीएम के आंकड़ों को आपस में जोड़ दिया जाता है.
चुनाव आयोग के अनुसार, ईवीएम की गिनती ख़त्म होने के बाद वीवीपैट पर्चियों से मिलान किया जाएगा.
इस काम के लिए हर काउंटिंग हॉल में अलग से वीवीपैट बूथ भी होगा
किसी तरह के विवाद या तकनीकी रुकावट की स्थिति में ये रिटर्निंग अफ़सर की ज़िम्मेदारी है कि वो चुनाव आयोग को इस बारे में तत्काल रिपोर्ट करे.
चुनाव आयोग रिटर्निंग अफ़सर की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए या तो मतगणना को जारी रखने का, मतगणना रद्द करने और पुनर्मतदान का आदेश दे सकता है
अगर बिना किसी शिकायत के मतगणना पूरी हो जाती है या चुनाव आयोग की ओर से कोई निर्देश नहीं दिया जाता है तो रिटर्निंग अफ़सर नतीज़ों की घोषणा कर सकता है
मतगणना पूरी होने के बाद ईवीएम को दोबारा स्ट्रांग रूम में रख दिया जाता है.
नियम के मुताबिक काउंटिंग के 45 दिनों तक ईवीएम को स्ट्रांग में रूम में ही रखना होता है, क्योंकि कोई भी उम्मीदवार रिकाउंटिंग की मांग करता है तो आधिकारिक आदेश के बाद वोटों की गिनती दोबारा की जा सके.