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हीटवेव के लिए IMD की कलर कोडित चेतावनी प्रणाली

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-1: भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान- अति महत्त्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं (जल-स्रोत एवं हिमावरण सहित) तथा वनस्पति एवं प्राणिजगत में परिवर्तन व इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव)

संदर्भ 

भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department : IMD) ने तेलंगाना के कुछ ज़िलों के लिए ऑरेंज हीटवेव अलर्ट ज़ारी किया है। 

क्या है हीटवेव 

  • भारत में गर्मी के मौसम के दौरान तापमान में अत्यधिक वृद्धि एक सामान्य किंतु  खतरनाक परिघटना है, जिसे 'हीटवेव' (ग्रीष्मलहर) कहा जाता है। 
  • IMD के अनुसार, जब मैदानी क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 40°C और पहाड़ी क्षेत्रों में 30°C से अधिक होता है तथा सामान्य तापमान में 4.5°C या उससे अधिक की वृद्धि दर्ज होती है, तब उसे 'हीटवेव' कहा जाता है। 
  • यदि तापमान सामान्य से 6.4°C से अधिक हो, तो यह 'गंभीर हीटवेव' की श्रेणी में आता है।
  • IMD इस प्रकार की मौसमी आपदाओं के लिए एक सुव्यवस्थित कलर कोडित चेतावनी प्रणाली के माध्यम से आमजन एवं प्रशासन को समय रहते सचेत करता है। 

रंग

स्तर

अर्थ

प्रशासनिक कार्रवाई

ग्रीन

कोई चेतावनी नहीं

सामान्य मौसम

निगरानी बनाए रखें

येलो

जागरूकता

तापमान में वृद्धि, लेकिन सामान्य दायरे में

सतर्कता एवं सार्वजनिक जानकारी प्रसारित करें

ऑरेंज

गंभीर

हीटवेव की स्थिति, स्वास्थ्य पर असर संभव 

सार्वजनिक सेवाओं की तैयारी, जल वितरण, कार्यावधि में कमी 

रेड

अत्यंत गंभीर

गंभीर हीटवेव, जन-स्वास्थ्य पर संकट

आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय करना, लोगों को घरों में रहने की सलाह

हीटवेव का प्रभाव

  • स्वास्थ्य पर प्रभाव : हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, थकावट और मृत्यु तक की संभावना
  • आर्थिक क्षति : श्रम उत्पादकता में गिरावट, कृषि पर प्रभाव, ऊर्जा की अत्यधिक मांग
  • पर्यावरणीय प्रभाव : वन्य जीवन पर प्रभाव, सूखा की आशंका, जल स्रोतों पर दबाव

नीति एवं सुझाव

  • स्थानीय हीट एक्शन प्लान (HAP) तैयार करना, जैसे- अहमदाबाद मॉडल
  • शहरी नियोजन में जलवायु-उत्तरदायी वास्तुकला को शामिल करना
  • श्रमिकों एवं स्कूलों के लिए समय-सारणी में लचीलापन लाना
  • पेयजल एवं शीतलन केंद्रों की उपलब्धता बढ़ाना

सामान्य हीटवेव व समुद्री हीटवेव में अंतर

अंतर का आधार

सामान्य हीटवेव

समुद्री हीटवेव

स्थान

स्थल पर घटित होती है (जैसे- भारत के मैदानी व शुष्क क्षेत्र)

महासागरों एवं समुद्री जल में घटित होती है।

परिभाषा

(IMD के अनुसार) जब अधिकतम तापमान सामान्य से ≥4.5°C अधिक हो, और कुल तापमान 40°C (मैदान) या 30°C (पहाड़ी क्षेत्र) से अधिक हो।

जब समुद्र की सतह का तापमान लगातार ≥5 दिनों तक सामान्य से अधिक हो जाता है। यह असामान्य रूप से गर्म समुद्री स्थिति को दर्शाता है।

कारण

उच्च वायुमंडलीय दाब, एल-नीनो, शुष्क हवाएँ, शहरी हीट आइलैंड प्रभाव आदि।

समुद्री धाराओं में बदलाव, एल-नीनो प्रभाव, वैश्विक तापवृद्धि, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन।

प्रभाव

मानव स्वास्थ्य पर संकट (हीट स्ट्रोक), जल संकट, कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव, श्रम उत्पादकता में गिरावट।

कोरल ब्लीचिंग, समुद्री जैव-विविधता पर खतरा, मत्स्य पालन पर प्रतिकूल प्रभाव, मौसम प्रणाली में बदलाव

उदाहरण: वर्ष 2016 में ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट बैरियर रीफ में समुद्री हीटवेव के कारण अत्यधिक कोरल ब्लीचिंग हुई थी।

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