भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने चुनावों के बाद इंडेक्स कार्ड एवं प्रमुख सांख्यिकीय रिपोर्ट्स के निर्माण को स्वचालित करने के लिए एक सुव्यवस्थित व प्रौद्योगिकी-संचालित प्रणाली शुरू की है जो समय लेने वाली मैनुअल प्रक्रियाओं की जगह लेगी तथा तीव्र, अधिक पारदर्शी डाटा प्रसार को सक्षम करेगी।
इंडेक्स कार्ड के बारे में
- क्या है : यह एक गैर-सांविधिक और चुनाव के बाद सांख्यिकीय रिपोर्टिंग प्रारूप है जिसे ई.सी.आई. ने अपनी पहल के रूप में विकसित किया है।
- विशेषताएँ
- इसे शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, पत्रकारों, नीति-निर्माताओं एवं आम जनता के लिए निर्वाचन क्षेत्र-स्तरीय डाटा तक पहुँच में सुधार के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- प्रत्येक इंडेक्स कार्ड विभिन्न प्रकार के आंकड़े संकलित करता है, जैसे- उम्मीदवार एवं दलवार डाले गए वोट, मतदाता विवरण व मतदान प्रतिशत, लिंग आधारित मतदान पैटर्न, क्षेत्रीय विविधताएँ, राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय व पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों सहित पार्टी का प्रदर्शन।
- ये कार्ड लोकसभा चुनावों के लिए 35 सांख्यिकीय रिपोर्टों एवं विधानसभा चुनावों के लिए 14 सांख्यिकीय रिपोर्टों का आधार बनते हैं जिनमें मतदान केंद्रों की संख्या से लेकर विजयी उम्मीदवारों के विश्लेषण व सारांश रिपोर्ट तक सब कुछ शामिल होता है।
परिवर्तन की आवश्यकता क्यों
- अब तक निर्वाचन क्षेत्र स्तर के अधिकारी विभिन्न वैधानिक प्रारूपों का उपयोग करके भौतिक सूचकांक कार्ड भरते थे।
- फिर इन्हें सांख्यिकीय प्रसंस्करण के लिए एक ऑनलाइन सिस्टम में अपलोड किया जाता था।
- इस मैनुअल व बहुस्तरीय प्रक्रिया के कारण प्राय: देरी होती थी और कभी-कभी विसंगतियां भी होती थीं।
- नया परिवर्तन स्वचालन एवं डाटा एकीकरण समयबद्धता सुनिश्चित करेगा तथा चुनाव संबंधी आंकड़ों की उपलब्धता में सुधार करेगा।
महत्त्व
- इस प्रणाली के माध्यम से तैयार की गई सांख्यिकीय रिपोर्ट केवल शैक्षणिक व शोध उद्देश्यों के लिए होती हैं।
- वे इंडेक्स कार्ड में द्वितीयक डाटा से प्राप्त की जाती हैं।
- प्राथमिक एवं कानूनी रूप से बाध्यकारी चुनाव डाटा प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारियों के पास वैधानिक प्रारूप में संग्रहीत रहता है।
- चुनाव आयोग का मानना है कि नई प्रणाली चुनावी अनुसंधान को बढ़ाएगी तथा अधिक सूचित एवं डाटा-संचालित लोकतांत्रिक संवाद में योगदान देगी।