VOC बंदरगाह पर भारत की पहली बंदरगाह-आधारित हरित हाइड्रोजन परियोजना
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवालने तमिलनाडु केVOC बंदरगाह, तूतीकोरिन पर भारत की पहली बंदरगाह-आधारित हरित हाइड्रोजन पायलट परियोजनाका उद्घाटन किया।
इस अवसर पर उन्होंने हरित मेथनॉल बंकरिंग सुविधा की आधारशिला भी रखी।
परियोजना की प्रमुख बातें
VOC बंदरगाह (VO Chidambaranar Port)
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्थित।
इसका नाम स्वतंत्रता सेनानी वी. ओ. चिदंबरनारके नाम पर रखा गया है।
हरित हाइड्रोजन पायलट परियोजना
यह भारत की पहली पोर्ट-बेस्ड ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाहै।
इसका उद्देश्य स्वच्छ ईंधन उत्पादन और कार्बन उत्सर्जन में कमीकरना है।
हरित मेथनॉल बंकरिंग सुविधा
समुद्री परिवहन में ग्रीन ट्रांज़िशन को बढ़ावा देगी।
शिपिंग उद्योग के लिए वैकल्पिक ईंधन आपूर्ति की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
₹150 करोड़ से अधिक की परियोजनाएँ
सौर ऊर्जा परियोजना
पवन ऊर्जा परियोजना
मल्टी-कार्गो बर्थ का विकास
सड़क अवसंरचना
समुद्री विरासत संग्रहालय
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ
उद्घाटन समारोह के अवसर पर सर्बानंद सोनोवाल ने स्वतंत्रता सेनानी वी.ओ. चिदंबरनार को उनकी 154वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी।
वी.ओ. चिदंबरनार को“काप्पलोट्टिया तमिऴन” (जहाज़ चलाने वाले तमिल) के नाम से जाना जाता है और वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान नेता थे।
भारत के लिए महत्व
ऊर्जा क्षेत्र में - हरित हाइड्रोजन उत्पादन से भारत को स्वच्छ और आत्मनिर्भर ऊर्जा स्रोत मिलेगा।
पर्यावरणीय दृष्टिकोण से - यह परियोजना कार्बन उत्सर्जन घटाने और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगी।
समुद्री परिवहन में - ग्रीन मेथनॉल और हाइड्रोजन का प्रयोग भारत को ग्रीन शिपिंग हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
स्थानीय विकास - तमिलनाडु के तूतीकोरिन और VOC पोर्ट को नई औद्योगिक एवं आर्थिकसंभावनाएँ प्राप्त होंगी।
प्रश्न. हाल ही में भारत की पहली बंदरगाह-आधारित हरित हाइड्रोजन पायलट परियोजना का उद्घाटन कहाँ किया गया?