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भारत, जापान, श्रीलंका त्रिपक्षीय सहयोग

प्रारंभिक परीक्षा - समसामयिकी
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-2

संदर्भ-

  • 10 अगस्त 2023 को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में तीनों देशों के राजदूतों ने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि,श्रीलंका द्वारा कोलंबो में ‘ईस्ट कंटेनर टर्मिनल’ (ईसीटी) परियोजना के लिए संयुक्त भारत-जापान समझौता ज्ञापन रद्द करने के दो साल से अधिक समय बाद तीनों देश त्रिपक्षीय सहयोग को फिर से शुरू करने के तरीकों का अध्ययन कर रहे हैं।

मुख्य बिंदु-

  • यह कार्यक्रम नेटस्ट्रैट, वीआईएफ, पाथफाइंडर और सीआईआई द्वारा आयोजित किया गया था ।
  • लगभग 500 मिलियन डॉलर के एमओयू को रद्द करने के साथ-साथ पिछली गोटबाया राजपक्षे की सरकार द्वारा जापानी-वित्त पोषित लाइट रेल ट्रांजिट (एलआरटी) परियोजना को निलंबित करने से टोक्यो और कोलंबो के बीच संबंधों में तनाव आ गया था। 
  • वर्ष 2023 के आर्थिक संकट के दौरान भारत और जापान ने श्रीलंका की सहायता की थी और श्रीलंका की ऋण पुनर्गठन प्रक्रिया में सहयोग दिया था। अतः रानिल विक्रमसिंघे की सरकार द्वारा दोनों देशों से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी निवेश करने की सिफारिश की गई है। 
  • यह संदेश राष्ट्रपति विक्रमसिंघे द्वारा जुलाई 2023 में दिल्ली यात्रा के दौरान जापानी विदेश मंत्री हयाशी को भेजा गया था, जिन्होंने अगस्त में दिल्ली और कोलंबो का दौरा किया।
  • इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के विकास को बढ़ाने के उद्देश्य से त्रिपक्षीय सहयोग तेजी से प्रासंगिक हो गया है, क्योंकि तीनों देश खुले, स्वतंत्र और समावेशी इंडो-पैसिफिक दृष्टिकोण का उद्देश्य रखते हैं।
  • भारत और जापान विश्वसनीय साझेदार के रूप में स्थानीय लाभ, आर्थिक अवसर, तकनीकी उन्नति, विनिर्माण और औद्योगिक विस्तार जैसे क्षेत्रों में अपनी ताकत का लाभ उठाकर सामूहिक रूप से अपने हिस्से के योग से अधिक योगदान दे सकते हैं।

श्रीलंका में निवेश-

  • यह कार्यक्रम भारत में श्रीलंका के दूत मिलिंदा मोरागोडा द्वारा शुरू किए गए पाथफाइंडर फाउंडेशन द्वारा जारी एक पेपर पर आधारित था, जिसमें सुझाव दिया गया है कि भारत और जापान नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रिड कनेक्टिविटी परियोजनाओं, तेल पाइपलाइन हब के रूप में त्रिंकोमाली के विकास, कनेक्टिविटी पर एक साथ काम कर सकते हैं।
  • ये परियोजनाएं 21 जुलाई 2023 को दिल्ली में राष्ट्रपति विक्रमसिंघे और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी "संयुक्त आर्थिक दृष्टि वक्तव्य" का हिस्सा थीं, जिस पर दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की थी।
  • इन परियोजनाओं को भारतीय और श्रीलंकाई सरकारों द्वारा विकसित किया जाएगा और वे निजी क्षेत्र को उनमें निवेश और कार्यान्वयन का नेतृत्व करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
  • श्री मोरागोडा के अनुसार,यदि इस पूरे पैकेज की परिकल्पना करें, तो यह अरबों डॉलर में जाता है। मुझे नहीं लगता कि भारतीय निजी क्षेत्र अकेले ऐसा कर पायेगा, अतः एक साझेदारी की जरूरत है। इसलिए यदि हम जापान के साथ मिलकर काम करते हैं, तो यह श्रीलंका के आगे बढ़ने का रास्ता हो सकता है।“
  • यह कहना जल्दबाजी होगी कि क्या भारत और जापान संयुक्त रूप से श्रीलंका में परियोजनाओं को क्रियान्वित करेंगे, जैसा कि उन्होंने 2020 से पहले की योजना बनाई थी या उन्होंने जैसा घनिष्ठ समन्वय बांग्लादेश और पूर्वोत्तर के बीच रेल और सड़क कनेक्टिविटी के समय किया था।
  • पूर्व में श्रीलंका में जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा था, उन्हें देखते हुए संयुक्त समझौता ज्ञापन की संभावना कम ही लगती है। 
  • ईसीटी एमओयू जिसे 2021 में रद्द कर दिया गया था, अंततः एक चीनी कंपनी को सौंप दिया गया और अडानी समूह को पास में वेस्ट कंटेनर टर्मिनल परियोजना सौंप दी गई, जिससे जापान नाराज हुआ और उसने राजपक्षे सरकार की  परियोजनाओं से स्वयं को अलग कर लिया। 
  • विक्रमसिंघे की सरकार ने मई 2023 में इस घटना के लिए खेद व्यक्त किया था।
  • भारत में जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी ने कहा कि जापान दक्षिण एशिया में परियोजनाओं पर भारत के साथ काम करने का इच्छुक है और प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा के स्वतंत्र और खुले इंडो पैसिफिक के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए भारत और श्रीलंका को महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में देखता है। 
  • उनके अनुसार,नीति के तहत बुनियादी ढांचे के लिए ऋण की कोई भी पहल पारदर्शिता, खुलेपन, आर्थिक व्यवहार्यता और ऋण स्थिरता के चार सिद्धांतों का पालन करेगी। 
  • श्रीलंका की ऋण पुनर्गठन प्रक्रिया का विशेष संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि भारत, जापान और फ्रांस सहायता के लिए एक समिति की सह-अध्यक्षता कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक आवश्यक शर्त यह थी कि श्रीलंका सभी लेनदारों के साथ समान व्यवहार करेगा।
  • अगर एक देश को दूसरे देश पर तरजीह दी जाती है तो संपूर्ण ऋण पुनर्गठन ध्वस्त हो जाएगा। 
  • श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने सार्वजनिक रूप से कहा कि श्रीलंकाई सरकार कभी भी किसी भी देश के साथ दूसरों की तुलना में अधिक अनुकूल व्यवहार नहीं करेगी।
  • भारत और जापान अधिक पारदर्शिता और ऋणदाता समानता के हित में श्रीलंका के सबसे बड़े ऋणदाता चीन को द्वीप की विदेशी ऋण पुनर्गठन प्रक्रिया के लिए स्थापित ऋणदाताओं के मंच में शामिल होते देखना चाहते हैं, लेकिन चीन ने पर्यवेक्षक बने रहने का फैसला किया है। 

भारतीय दृष्टिकोण-

  • हिंद महासागर क्षेत्र के लिए भारत के प्वाइंट पर्सन, विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव पुनीत अग्रवाल ने कहा, ‘श्रीलंका में कुछ परियोजनाएँ, जिन्हें भारत और जापान द्वारा संयुक्त रूप से क्रियान्वित किया जाना था, कई कारणों से आगे नहीं बढ़ीं, लेकिन इससे नए सहयोग की खोज में बाधा नहीं आनी चाहिए। भारत और जापान एक मुक्त, खुले और समावेशी इंडो-पैसिफिक का दृष्टिकोण साझा करते हैं, जो श्रीलंका सहित क्षेत्र के सभी देशों के लिए प्रासंगिक है।‘
  • भारत, जापान और श्रीलंका के साथ त्रिपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की उम्मीद कर रहा है। कोलंबो के लिए ऋण पुनर्गठन पर संयुक्त रूप से काम करते हुए सहयोग के नए तरीकों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
  • श्रीलंका के आर्थिक पुनरुद्धार के लिए भारत और जापान ऐसे निवेश लायेंगे, जो पारदर्शी और प्रक्रिया-उन्मुख हों।
  • श्री अग्रवाल ने इस प्रक्रिया में कनेक्टिविटी के महत्व को रेखांकित किया, जिसमें समुद्री कनेक्टिविटी, ऊर्जा और बिजली व्यापार, वित्तीय और डिजिटल कनेक्टिविटी और लोगों की भागीदारी शामिल है।
  • डिजिटल कनेक्टिविटी के संबंध में उन्होंने कहा, भारत का उन्नत आईटी क्षेत्र श्रीलंका में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए तैयार है।
  • श्री अग्रवाल ने कहा, "यह न केवल ई-कॉमर्स और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगा बल्कि श्रीलंका के युवाओं को डिजिटल युग के लिए कौशल के साथ सशक्त भी बनाएगा।"
  • यूपीआई-आधारित डिजिटल भुगतान पर एनपीसीआई इंटरनेशनल और लंका पे के बीच एक समझौता वित्तीय परिदृश्य में क्रांति लाने, पर्यटन और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए तैयार है।
  • आर्थिक सहयोग के अलावा, भारत और श्रीलंका के बीच सांस्कृतिक संबंधों को क्षेत्रीय एकजुटता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण बताया गया।
  • भारतीय राजनयिक ने कहा, "बौद्ध सर्किट और रामायण ट्रेल के प्रचार, शैक्षणिक संस्थानों के बीच आदान-प्रदान कार्यक्रमों, छात्रवृत्तियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने न केवल हमारे देशों के बीच संबंधों को मजबूत किया है बल्कि क्षेत्रीय एकजुटता की भावना को भी बढ़ावा दिया है।"

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. गोटबाया राजपक्षे की सरकार द्वारा जापानी-वित्त पोषित लाइट रेल ट्रांजिट (एलआरटी) परियोजना को निलंबित कर दिया गया था।
  2. कोलंबो में ‘ईस्ट कंटेनर टर्मिनल’ (ईसीटी) परियोजना के लिए संयुक्त गोटबाया राजपक्षे की सरकार ने समझौता किया था।

नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर- (d)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- हाल ही में भारत, जापान और  श्रीलंका ने त्रिपक्षीय सहयोग को पुनः प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। इससे श्रीलंका के आर्थिक विकास में किस प्रकार सहयोग मिलेगा? विवेचना करें।

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