New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back

भारत-थाईलैंड संबंध

(प्रारंभिक परीक्षा : समसामयिक अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2 : द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार)

संदर्भ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 से 4 अप्रैल, 2025 तक थाईलैंड की आधिकारिक यात्रा की।

प्रधानमंत्री मोदी की थाईलैंड यात्रा के बारे में 

  • इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बिम्सटेक शिखर सम्मेलन, 2025 में भाग लिया और बैंकॉक में थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा से भेंट की।
  • दोनों नेताओं ने भारत व थाईलैंड के बीच द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की।
  • थाई सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा को यादगार बनाने के लिए एक विशेष डाक टिकट जारी किया, जिसमें 18वीं सदी के रामायण भित्ति चित्रों को दर्शाया गया है।

वार्ता के प्रमुख क्षेत्र

  • राजनीतिक आदान-प्रदान, रक्षा और सुरक्षा साझेदारी, रणनीतिक जुड़ाव, व्यापार तथा निवेश व लोगों के बीच संबंधों को अधिक मज़बूत करना।
  • मानव तस्करी, मादक पदार्थों की तस्करी और साइबर धोखाधड़ी सहित अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराधों का मुकाबला करने के लिए सहयोग।
  • वैश्विक मुद्दे और बिम्सटेक, आसियान व मेकांग गंगा सहयोग सहित उप-क्षेत्रीय, क्षेत्रीय एवं बहुपक्षीय मंचों पर घनिष्ठ सहयोग विकसित करना।

यात्रा के प्रमुख परिणाम 

  • भारत-थाईलैंड रणनीतिक साझेदारी की स्थापना पर संयुक्त घोषणा पत्र
  • डिजिटल प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन
  • गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर के विकास के लिए समझौता ज्ञापन
  • सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन

भारत-थाईलैंड द्विपक्षीय संबंध

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • भारत और थाईलैंड के संबंध दो हजार वर्ष से भी अधिक पुराने हैं। प्राचीन काल में भारत से बौद्ध धर्म और हिंदू संस्कृति थाईलैंड पहुंची।
  • थाईलैंड में रामायण को ‘रामकियेन’ के रूप में जाना जाता है और वहां की संस्कृति का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
  • सम्राट अशोक के समय बौद्ध भिक्षुओं ने थाईलैंड में बुद्ध की शिक्षाओं का प्रसार किया।
  • थाईलैंड को प्राचीन भारतीय ग्रंथों में ‘स्वर्णभूमि’ कहा गया है।

राजनयिक संबंध

  • दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध वर्ष 1947 में स्थापित हुए। दोनों पक्षों ने वर्ष 2022 में राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75 वीं वर्षगांठ मनाई।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने 11 अक्तूबर, 2024 को वियनतियाने (लाओस की राजधानी) में 44वें और 45वें आसियान शिखर सम्मेलन के अवसर पर थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनवात्रा से मुलाकात की थी।
  • प्रधानमंत्री मोदी 16वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 02-04 नवंबर 2019 तक थाईलैंड के दौरे पर गए थे।
    • इस यात्रा के दौरान गुरुनानक देव की 550वीं जयंती और तमिल पुस्तक थिरुक्कुरल के थाई अनुवाद के उपलक्ष्य में एक विशेष स्मारक सिक्का जारी किया।
  • इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने 10 नवंबर, 2016 को दिवंगत राजा भूमिबोल अदुल्यादेज को श्रद्धांजलि देने के लिए बैंकॉक का दौरा किया था।
  • थाईलैंड की राजकुमारी महाचक्री सिरिन्धोर्न नियमित रूप से भारत आती रही हैं।
  • उन्हें इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार (2004), प्रथम विश्व संस्कृत पुरस्कार (2016) एवं पद्म भूषण (2017) से सम्मानित किया जा चुका है।

द्विपक्षीय संस्थागत तंत्र

  • संयुक्त आयोग की बैठक : संयुक्त आयोग की 10वीं बैठक 27 फरवरी, 2024 को नई दिल्ली में आयोजित की गई।
  • विदेश कार्यालय परामर्श : भारत एवं थाईलैंड के बीच विदेश कार्यालय परामर्श का 7वां दौर 07 अगस्त, 2023 को बैंकॉक में आयोजित किया गया।
  • द्विपक्षीय वार्ता : भारत एवं थाईलैंड ने सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त कार्य समूह, शिक्षा पर, वीज़ा और कांसुलर मामलों पर तथा समुद्री सहयोग पर संयुक्त कार्य बल जैसे विभिन्न वार्ता तंत्रों को संस्थागत रूप दिया है। 
    • दोनों पक्ष इन क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर चर्चा करने के लिए नियमित रूप से मिलते हैं।

रक्षा सहयोग

  • भारत एवं थाईलैंड के बीच रक्षा सहयोग पर समझौता ज्ञापन 25 जनवरी, 2012 को हस्ताक्षर किए गए थे।
  • जारी रक्षा सहयोग पहलों में रक्षा वार्ता, दोनों देशों की नौसेनाओं द्वारा संयुक्त समुद्री गश्त, वार्षिक वार्ता, विषय वस्तु विशेषज्ञों का आदान-प्रदान दौरा और अधिकारियों का प्रशिक्षण, त्रिपक्षीय/बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास आदि शामिल हैं। 

आर्थिक एवं वाणिज्यिक सहयोग

  • हाल के वर्षों में भारत एवं थाईलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार में कई गुना वृद्धि हुई है। 
  • भारत के वाणिज्य विभाग के अनुसार, अप्रैल-नवंबर 2024 की अवधि के दौरान, थाईलैंड भारत का 19वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था, जिसका कुल द्विपक्षीय व्यापार लगभग 11 बिलियन अमरीकी डॉलर था।
  • थाईलैंड के वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2024 (जनवरी-दिसंबर) में भारत थाईलैंड का 11वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था और वर्ष 2024 में कुल द्विपक्षीय व्यापार लगभग 17.5 बिलियन अमरीकी डॉलर था। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार के आंकड़े इस प्रकार हैं :

वर्ष

कुल व्यापार

(राशि बिलियन $ में)

थाईलैंड से आयात

थाईलैंड को निर्यात

2021-22

15.08

9.33

5.74

2022-23

16.90

11.20

5.80

2023-24

14.95

9.91

5.04

2024-25

11.12

7.96

3.16

  • भारत-थाईलैंड संयुक्त व्यापार समिति : 13वीं संयुक्त व्यापार समिति की बैठक 20 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली में हुई।

सांस्कृतिक सहयोग

  • थाई सरकार के अनुरोध पर भारत सरकार ने भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को उनके दो प्रमुख शिष्यों अरहंत सारिपुत्त और अरहंत महा मोग्गलाना के साथ 22 फरवरी से 19 मार्च, 2024 तक सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए भेजा।
    • 25 दिनों की अवधि में थाईलैंड एवं मेकांग क्षेत्र के पड़ोसी देशों से 4.2 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र अवशेषों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
  • सितंबर 2009 में बैंकॉक में स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र खोला गया।
  • 22 दिसंबर, 2022 को भारत और थाईलैंड के मध्य वर्ष 2022-2027 के लिए भारत-थाईलैंड सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए गए।
  • भारतीय फिल्मों, भोजन एवं अन्य उत्सवों के अलावा थाईलैंड में भारतीय सांस्कृतिक मंडलियों की नियमित यात्राएँ आयोजित की जाती हैं।
  • वर्ष 2022 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाने के साथ-साथ आज़ादी का अमृत महोत्सव की थीम के तहत भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए कई स्मारक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
  • थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा ने 29 अक्तूबर, 2024 को बैंकॉक के लिटिल इंडिया के पाहुरात में आयोजित ‘अद्भुत थाईलैंड दिवाली महोत्सव 2024’ का उद्घाटन किया।

पर्यटन एवं संपर्क सहयोग

  • थाईलैंड 15 से अधिक भारतीय शहरों से सीधे जुड़ा हुआ है, जहाँ मौसमी बदलाव के साथ 400 से ज़्यादा साप्ताहिक उड़ानें हैं। 
  • कोविड से पहले वर्ष 2019 में लगभग 1.9 मिलियन भारतीय पर्यटकों ने थाईलैंड का दौरा किया था।
  • थाईलैंड के पर्यटन एवं खेल मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2024 के दौरान लगभग 2.1 मिलियन भारतीय पर्यटकों ने थाईलैंड का दौरा किया, जो थाईलैंड में आने वाले कुल पर्यटकों का लगभग 6% है और इस अवधि के दौरान थाईलैंड आने वाले पर्यटकों का तीसरा सबसे बड़ा समूह भारतीय थे।
  • थाईलैंड ने 15 जुलाई, 2024 से नए वीज़ा उपाय प्रस्तुत किए, जिसके तहत भारतीय पासपोर्ट धारक बिना वीज़ा के थाईलैंड में प्रवेश कर सकते हैं और देश में 60 दिनों तक रह सकते हैं, जिसे आगे 30 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है।

शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग

  • शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर 2005 में हस्ताक्षर किए गए थे। 
  • भारत, थाईलैंड को विभिन्न योजनाओं के तहत सालाना लगभग 75 छात्रवृत्तियाँ प्रदान करता है। 
  • भारत ने आसियान देशों को आई.आई.टी. में 1,000 पी.एच.डी. फेलोशिप की पेशकश की है जिसमें थाईलैंड के लिए 100 स्लॉट शामिल हैं।
  • वर्तमान में विभिन्न थाई विश्वविद्यालयों/संस्थानों में 6 भारत अध्ययन केंद्र और 13 भारत कॉर्नर हैं।
  • पद्म पुरस्कार प्राप्तकर्ता
    • राजकुमारी महाचक्री सिरिन्धोर्न को वर्ष 2017 में पद्म भूषण प्रदान किया गया। 
    • बी.एच.यू. के पूर्व छात्र थाईलैंड के सुप्रीम पैट्रिआर्क सोमदत फ्रा अरियावोंगसाखतयन को वर्ष 2018 में पद्म श्री प्रदान किया गया।
    • मार्च 2022 में डॉ. चिरापत प्रपंडविद्या ने ‘साहित्य एवं शिक्षा’ श्रेणी के तहत पद्म श्री प्राप्त किया।

थाईलैंड में भारतीय प्रवासी

  • थाईलैंड में भारतीय मूल के लोगों की कुल संख्या लगभग 4 से 5 लाख होने का अनुमान है जिसमें 25,000 से अधिक एन.आर.आई. शामिल हैं।
  • इन समुदाय में मुख्यत: पंजाबी हिंदू, नामधारी एवं अन्य सिख संप्रदाय, गोरखपुरी, मलयाली, तमिल, गुजराती, मारवाड़ी व सिंधी शामिल हैं। 

दूतावास

  • ​​बैंकॉक में दूतावास के अलावा, उत्तरी थाईलैंड के चियांग माई में भी भारत का एक वाणिज्य दूतावास है। 
  • थाईलैंड के भारत में नई दिल्ली में दूतावास के अलावा मुंबई, कोलकाता व चेन्नई शहरों में 3 वाणिज्य दूतावास हैं।

क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय समूह

थाईलैंड एवं भारत क्षेत्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण साझेदार है, जिसमें आसियान; पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS); बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक); मेकांग गंगा सहयोग (MGC); एशिया सहयोग वार्ता (ACD); हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) और अयेयावाडी-चाओ फ्राया-मेकांग आर्थिक सहयोग रणनीति (ACMECS) शामिल हैं।

देशनामा : थाईलैंड

  • अवस्थिति : इंडोचाइनीज प्रायद्वीप पर दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित 
  • राजव्यवस्था : संसदीय संवैधानिक राजतंत्र
  • राजा : वजीरालोंगकोर्न
  • प्रधानमंत्री : पैतोंगतार्न शिनावात्रा
  • राजधानी : बैंकाक
  • आबादी : 6.6 करोड़
  • क्षेत्रफल : 5,13,115 वर्ग किमी. (50वां स्थान)
  • प्रमुख नदियां : चाओ फ्राया और मेकांग नदी
  • जलवायु : उष्णकटिबंधीय मानसूनी एवं सवाना प्रकार 
  • अर्थव्यवस्था : 23वीं सबसे बड़ी (PPP के आधार पर)
  • मानव विकास सूचकांक : 0.803 (66 वां स्थान)
  • सीमा साझा : उत्तर-पश्चिम में म्यांमार, उत्तर-पूर्व और पूर्व में लाओस, दक्षिण-पूर्व में कंबोडिया, दक्षिण में थाईलैंड की खाड़ी एवं मलेशिया और दक्षिण-पश्चिम में अंडमान सागर से; दक्षिण-पूर्व में वियतनाम तथा दक्षिण-पश्चिम में इंडोनेशिया व भारत के साथ समुद्री सीमा।
  • धर्म : 93.46% बौद्ध धर्म; 5.37% इस्लाम; 1.13% ईसाई धर्म; 0.03% अन्य
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR