New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Diwali Special Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 22nd Oct. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Diwali Special Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 22nd Oct. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

भारत का लोकतंत्र और प्रवासी नागरिक

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा व बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान तथा निकाय)

संदर्भ 

दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के बावजूद भारत अपने प्रवासी नागरिकों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व और सुरक्षा करने के लिए संघर्ष करता है, जो कार्यबल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं किंतु राजनीतिक एवं सामाजिक रूप से हाशिए पर हैं।

बिहार: केस अध्ययन 

  • राज्य की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision: SIR) के कारण अल्प सूचना पर लगभग 35 लाख प्रवासियों (कुल मतदाताओं का 4.4%) के नाम सामूहिक रूप से हटा दिए गए हैं। 
  • ये वे प्रवासी हैं जिन्हें घर-घर जाकर सत्यापन के दौरान अनुपस्थित रहने के कारण ‘स्थायी रूप से प्रवासी’ करार दिया गया है।
  • ये मतदाता अब अपने कार्यस्थलों के साथ ही घर पर भी स्थायी रूप से मताधिकार से वंचित हैं।

भारत में निर्वाचन पंजीकरण ढाँचा एवं चुनौतियाँ 

  • मतदाता पंजीकरण निवास प्रमाण एवं व्यक्तिगत सत्यापन से जुड़ा है किंतु प्रवासी मज़दूरों के लिए ऐसे दस्तावेज़ या तो उपलब्ध नहीं हैं या उन्हें अस्वीकार कर दिया जाता है।
    • क्योंकि इसमें से अधिकांश किराए के कमरों में, निर्माण स्थलों पर, फुटपाथों पर या झुग्गियों में रहते हैं।
  • यह बहिष्करण क्षेत्रवाद एवं उप-राष्ट्रवाद के संदर्भ में अधिक गहरा होता जाता है, जहाँ प्रवासियों को प्राय: नौकरियाँ चुराने वाले या राजनीतिक ख़तरा माना जाता है।
  • निजी क्षेत्रों में नौकरियों में कोटा की बढ़ती माँग और सरकारी नौकरियों के लिए कठोर अधिवास-आधारित मानदंड प्रवासियों के राजनीतिक समावेशन को सीमित करते हैं।
  • मेज़बान राज्यों में प्रवासियों को बाहरी माना जाता है और बदले हुए चुनावी नतीजों का डर उनके मताधिकार के प्रति प्रतिरोध को बढ़ावा देता है। 
    • यह गंतव्य स्थानों पर मतदाता पंजीकरण को हतोत्साहित करता है।
  • वर्ष 2015 में मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार प्रशासनिक बाधाएँ, डिजिटल निरक्षरता एवं सामाजिक बहिष्कार प्रवासी को चुनावी प्रक्रियाओं में प्रभावी रूप से भाग लेने से रोकते हैं।

प्रमुख मुद्दे

  • प्रवास का स्तर: 45 करोड़ से अधिक आंतरिक प्रवासी (जनगणना 2011) निर्माण, विनिर्माण, घरेलू कार्य एवं शहरी सेवाओं में योगदान करते हैं।
  • राजनीतिक हाशिए पर: कठोर मतदाता पंजीकरण नियमों के कारण गंतव्य राज्यों में मताधिकार का अभाव तथा स्थानीय शासन एवं कल्याणकारी नीतियों में अदृश्यता है।
  • कल्याणकारी बहिष्करण: राज्य की सीमाओं के पार राशन, आवास, स्वास्थ्य एवं सामाजिक सुरक्षा लाभों तक पहुँचने में कठिनाई होती है।
    • एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड (ONORC) के बावजूद योजनाओं का विखंडन पोर्टेबिलिटी को सीमित करता है।
  • लोकतांत्रिक घाटा: प्रवासी अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं किंतु प्रभावी ढंग से अपनी आवाज़, प्रतिनिधित्व एवं जवाबदेही तंत्र का उपयोग नहीं कर पाते हैं।

सरकारी पहल

  • खाद्य सुरक्षा के लिए ONORC योजना
  • सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए श्रम संहिताएँ (पूरी तरह से लागू नहीं)
  • असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण के लिए ई-श्रम पोर्टल

चिंताएँ

  • कमज़ोर कार्यान्वयन और अंतर-राज्यीय समन्वय का अभाव
  • शहरीकरण एवं विकास में असमानताएँ बढ़ने का जोखिम
  • बहिष्कार से सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार और समावेशी लोकतंत्र के सिद्धांत का कमज़ोर होना 

आगे की राह 

  • भारत को पोर्टेबल, लचीली एवं गतिशील मतदाता पहचान प्रणाली की ओर बढ़ना होगा।
  • भारत के चुनाव आयोग को प्रवासियों के नामों को पूरी तरह से हटाने पर रोक लगानी होगी और गंतव्य राज्य की मतदाता सूची के साथ क्रॉस-सत्यापन मॉडल अपनाना होगा।
  • नागरिक समाज एवं पंचायतों जैसे स्थानीय शासन निकायों को प्रवासियों तक पहुँचने और पुनः पंजीकरण अभियान चलाने का अधिकार दिया जाना चाहिए।
  • प्रवास सर्वेक्षण के केरल मॉडल को बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे उच्च आंतरिक प्रवास वाले मूल राज्यों में भी लागू किए जाने की आवश्यकता है। 

निष्कर्ष 

प्रवासी मुद्दों का समाधान सामाजिक न्याय, श्रम अधिकारों एवं समान विकास के लिए महत्त्वपूर्ण है। राजनीतिक भागीदारी और कल्याणकारी योजनाओं तक प्रवासियों की पहुँच बढ़ाने से लोकतांत्रिक वैधता मज़बूत होगी।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X