अंतर्राष्ट्रीय अल्बिनिज्म जागरूकता दिवस-2025: 13 जून
चर्चा में क्यों?
अंतर्राष्ट्रीय अल्बिनिज्म जागरूकता दिवस हर वर्ष 13 जून को मनाया जाता है।
यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानवता और जैव-वैविध्य के महत्व को उजागर करने के लिए स्थापित किया गया था।
इतिहास:
वर्ष 2013 में मानवाधिकार परिषद ने पहली बार अल्बिनिज्म से जुड़ी भेदभाव और हमलों के खिलाफ रेज़ॉल्यूशन अपनाया ।
18 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने जून 13 को अंतर्राष्ट्रीय अल्बिनिज्म जागरूकता दिवस घोषित किया, और इसका पहला आयोजन 2015 में हुआ
इस दिन का उद्देश्य अल्बिनिज्म से जुड़े मिथकों को दूर करना और पीड़ितों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, समान अधिकारों हेतु वैश्विक समर्थन जुटाना है।
अल्बिनिज्म के बारे में:
अल्बिनिज्म एक आनुवंशिक विकार है जिसमें शरीर में मेलानिन नामक रंजक का उत्पादन आंशिक या पूर्ण रूप से नहीं होता।
इसका प्रभाव व्यक्ति की त्वचा, बाल और आंखों के रंग पर पड़ता है।
यह कोई संक्रामक रोग नहीं है, बल्कि यह जन्म से ही होता है।
यह विकारOCA (Oculocutaneous Albinism) और OA (Ocular Albinism)जैसे जीन में उत्पन्न गड़बड़ी के कारण होता है।
मेलानिन की कमी के कारण व्यक्ति की त्वचा बहुत गोरी, बाल सफेद या हल्के रंग के और आंखें हल्के नीले या गुलाबी रंग की होती हैं।
अल्बिनिज्म के प्रकार
Oculocutaneous Albinism (OCA): त्वचा, बाल और आंखों को प्रभावित करता है। यह सबसे आम प्रकार है।
Ocular Albinism (OA): मुख्यतः आंखों को प्रभावित करता है; त्वचा और बाल सामान्य रंग के हो सकते हैं।
Hermansky–Pudlak Syndrome और Chediak–Higashi Syndrome जैसे दुर्लभ प्रकार भी होते हैं, जिनमें अल्बिनिज्म के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी होती हैं।
लक्षण
अत्यधिक गोरी त्वचा और बाल
धूप में आसानी से जल जाना
आंखों की समस्याएं:
दृष्टि दोष
निस्टैग्मस (आंखों का अनैच्छिक हिलना)
फोटोफोबिया (धूप या तेज़ रोशनी से चिढ़)
स्ट्रैबिस्मस (तिरछी आंखें)
अनुवांशिकता
अल्बिनिज्म आटोसोमल रिसेसिव पैटर्न में होता है:
यदि दोनों माता-पिता वाहक (carrier) हों, तो प्रत्येक गर्भावस्था में बच्चे को अल्बिनिज्म होने की संभावना 25% होती है।
यह किसी भी नस्ल, जाति या क्षेत्र में हो सकता है।
प्रश्न. अंतर्राष्ट्रीय अल्बिनिज्म जागरूकता दिवस कब मनाया जाता है?