भारत 27-30 अक्टूबर, 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में 8वें अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) सम्मेलन की मेज़बानी करेगा।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) एक वैश्विक अंतर-सरकारी संगठन है जो ऊर्जा पहुँच, ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए दुनिया भर में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देता है।
यह विकासशील देशों में सौर ऊर्जा के उपयोग में तेज़ी लाने के लिए सरकारों, उद्योग व वित्तीय संस्थानों के लिए एक सहयोगी मंच के रूप में कार्य करता है।
इसे पेरिस में COP 21 जलवायु शिखर सम्मेलन के दौरान भारत एवं फ्रांस की संयुक्त पहल के तहत वर्ष 2015 में लाँच किया गया था।
इसका मुख्यालय गुरुग्राम है। इस प्रकार ISA भारत में मुख्यालय वाला पहला अंतर्राष्ट्रीय संगठन बन गया।
मध्य 2025 तक इसमें 90 से ज़्यादा पूर्ण सदस्य देशों सहित 124 सदस्य एवं हस्ताक्षरकर्ता देश शामिल हैं। वर्ष 2020 में इसके ढाँचे में संशोधन के बाद संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश इसके सदस्य बन सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का उद्देश्य
वर्ष 2030 तक सौर ऊर्जा में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश जुटाना
1 अरब लोगों तक स्वच्छ ऊर्जा की पहुँच सुनिश्चित करना और वैश्विक स्तर पर 1,000 गीगावाट सौर क्षमता स्थापित करना
सौर ऊर्जा के माध्यम से विशेष रूप से अल्प विकसित देशों (LDC) और लघु द्वीपीय विकासशील राज्यों (SIDS) में कम लागत वाली, टिकाऊ एवं समतामूलक ऊर्जा प्रणालियों को बढ़ावा देना
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का कार्य
नीति एवं पक्ष समर्थन:ईज ऑफ़ डूइंग सोलर विश्लेषण और वार्षिक सौर निवेश रिपोर्टों के माध्यम से सौर ऊर्जा के अनुकूल नीतियों तथा विनियमों को तैयार करने में सरकारों का समर्थन करना
कार्यक्रम संबंधी सहायता: कृषि, स्वास्थ्य, परिवहन एवं ऊर्जा क्षेत्रों में सौर परियोजनाओं को लागू करना और उनका विस्तार करना
इसमें अफ्रीका एवं द्वीपीय देशों में भारत के पीएम-कुसुम और पीएम सूर्य घर मॉडल का अनुकरण शामिल है।
क्षमता निर्माण:सौर प्रौद्योगिकियों में इंजीनियरों, उद्यमियों एवं नीति-निर्माताओं को प्रशिक्षित करने के लिए सौर प्रौद्योगिकी व अनुप्रयोग संसाधन केंद्र (STAR-C) का संचालन करता है।
ज्ञान एवं सहयोग:किफायती सौर ऊर्जा पहुँच के लिए डेटा, नवाचार और प्रौद्योगिकी साझा करने हेतु एम.डी.बी., डी.एफ.आई., निजी क्षेत्र एवं नागरिक समाज के साथ काम करता है।
वित्तपोषण तंत्र
मिनी-ग्रिड और सौर पंपों के लिए जोखिम गारंटी प्रदान करने तथा निजी पूंजी आकर्षित करने के लिए अफ्रीका सौर सुविधा (अहमदाबाद स्थित) का संचालन करना।
वर्ष 2026 तक 200 मिलियन डॉलर का लाभ उठाकर 2-4 बिलियन डॉलर तक का निवेश जुटाने का लक्ष्य