चर्चा में क्यों ?
ईरान ने उत्तरी हिंद महासागर और ओमान की खाड़ी में “सस्टेनेबल पावर 1404” नामक बड़े पैमाने पर मिसाइल अभ्यास किया।

प्रमुख बिंदु:
- यह दो दिवसीय अभ्यास है और 12 जून 2025 के संघर्ष के बाद ईरान का पहला बड़ा सैन्य अभ्यास है।
- यह अभ्यास बढ़ते क्षेत्रीय तनाव और हालिया सैन्य असफलताओं के बाद तेहरान द्वारा अपनी समुद्री तथा सामरिक शक्ति को प्रदर्शित करने का प्रयास माना जा रहा है।
अभ्यास के उद्देश्य:
- ईरानी नौसेना के अधिकारियों के अनुसार, इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित था:
- युद्ध की तैयारी और कमान-संयोजन में सुधार।
- निवारक क्षमताओं को सुदृढ़ करना।
- युद्धोत्तर लचीलापन और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता प्रदर्शित करना।
अभ्यास घटक:
- सतह और उपसतह युद्धपोत।
- वायु इकाइयाँ और मिसाइल रक्षा प्रणालियाँ।
- इलेक्ट्रॉनिक युद्ध ब्रिगेड।
- सटीक मारक क्रूज मिसाइलें जैसे नासिर और कादिर, जो लंबी दूरी की लक्ष्य क्षमता को दर्शाती हैं।
भू-राजनीतिक संदेश:
- विश्लेषकों के अनुसार, यह अभ्यास हाल ही में इज़राइली सैन्य अभ्यासों का रणनीतिक उत्तर है, जिसमें कथित तौर पर ईरानी परमाणु ढाँचे पर हमले का अभ्यास किया गया था।
- इसके अलावा, यह ईरान की सैन्य क्षमता और जवाबी कार्रवाई की तैयारी को भी उजागर करता है, खासकर निम्न परिस्थितियों में:
- जून 2025 के संघर्ष में इज़राइल द्वारा ईरानी मिसाइल स्थलों पर हमला।
- ईरान द्वारा इज़राइली शहरों पर जवाबी हमले और कतर में अमेरिकी अड्डे पर मिसाइल हमलों का प्रयास।
प्रश्न. ईरान ने "सस्टेनेबल पावर 1404" मिसाइल अभ्यास कहाँ किया ?
(a) अरब सागर और बंगाल की खाड़ी
(b) उत्तरी हिंद महासागर और ओमान की खाड़ी
(c) कैस्पियन सागर
(d) भूमध्य सागर
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