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आईरिस माइक्रोप्रोसेसर चिप

(प्रारंभिक परीक्षा: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास)

संदर्भ 

हाल ही में, आई.आई.टी. मद्रास और इसरो ने अंतरिक्ष क्षेत्र में अनुप्रयोगों के लिए आईरिस (IRIS) चिप का विकास एवं परीक्षण किया है। 

आईरिस चिप के बारे में

  • आईरिस (Indigenous RISC-V Controller for Space Applications) शक्ति माइक्रोप्रोसेसर परियोजना पर आधारित सेमीकंडक्टर चिप है। इसे शक्ति (SHAKTI) प्रोसेसर बेसलाइन पर निर्मित किया गया है।
    • प्रोसेसर बेसलाइन सी.पी.यू. की डिफ़ॉल्ट ऑपरेटिंग स्पीड या सी.पी.यू. के उपयोग स्तर को संदर्भित कर सकता है। अपनी बेस फ़्रीक्वेंसी पर चलने पर सी.पी.यू. कम बिजली का उपयोग करता है और कम ऊष्मा उत्पन्न करता है। 
  • यह सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता के लिए भारत के प्रयास का हिस्सा है। यह इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) से लेकर विभिन्न रणनीतिक क्षेत्रों में इनबिल्ट कंप्यूट सिस्टम तक विविध डोमेन पर व्यापक तैनाती में सहायक है।

आईरिस चिप की मुख्य विशेषताएँ

  • पूर्णतः स्वदेशी रूप से भारत में निर्मित
  • 180 एन.एम. प्रौद्योगिकी नोड द्वारा निर्मित
  • वॉचडॉग (WATCHDOG) टाइमर और एडवांस सीरियल बस जैसे कस्टम मॉड्यूल शामिल
  • भविष्य के मिशनों के लिए बूट मोड और हाइब्रिड मेमोरी एक्सटेंशन के माध्यम से विस्तार की संभावना
  • वर्ष 2018 में RIMO एवं वर्ष 2020 में MOUSHIK के बाद यह भारत में सफलतापूर्वक निर्मित तीसरी शक्ति चिप
IRIS-CHIP

आईरिस चिप के अनुप्रयोग

  • इसरो की कमान एवं नियंत्रण प्रणाली के महत्वपूर्ण कार्यों में
  • अंतरिक्ष क्षेत्र में लॉन्च वाहनों, ग्राउंड स्टेशनों पर
  • इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और औद्योगिक IoT उपकरणों के लिए 

आईरिस चिप के महत्त्व

  • स्वदेशी सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी को बढ़ावा
  • अंतरिक्ष एवं सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता
  • भारत के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान
  • ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत भारत के प्रयासों को मजबूती

इसे भी जानिए!

शक्ति माइक्रोप्रोसेसर परियोजना

  • इसका उद्देश्य माइक्रोप्रोसेसर-आधारित उत्पादों के स्वदेशी विकास को बढ़ावा देना है।
  • शक्ति RISC-IV पर आधारित प्रणालियों के एक वर्ग से संबंधित है जो एक ओपन-सोर्स इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर है जिसका उपयोग कस्टम प्रोसेसर डिजाइन करने के लिए किया जाता है।
  • शक्ति सिस्टम RISC-V तकनीक का उपयोग करते हैं जो एक ओपन-सोर्स प्रोसेसर तकनीक है।
    • RISC-V में RISC (Reduced Instruction Set Computer) से तात्पर्य कंप्यूटर निर्देशों को निष्पादित () करने से है और ‘V’ RISC प्रणाली की 5वीं पीढ़ी को दर्शाता है।
    • RISC का आविष्कार प्रोफेसर डेविड पैटरसन ने 1980 के दशक में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में किया था।
  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की तिरुवनंतपुरम स्थित जड़त्वीय प्रणाली इकाई ने 64-बिट RSIC-V-आधारित कंट्रोलर के डिजाइन की कल्पना की थी। 
  • इसे ‘डिजिटल इंडिया RISC-V (DIRV)’ पहल के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा समर्थन प्राप्त है।
    • डिजिटल इंडिया RISC-V पहल का उद्देश्य भारत के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र का उत्थान करना है।
    • इस पहल के तीन प्रमुख सिद्धांत : नवाचार, कार्यक्षमता एवं प्रदर्शन
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