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जवाहरलाल नेहरू: आधुनिक भारत के निर्माता

(प्रारंभिक परीक्षा: महत्त्वपूर्ण व्यक्तित्व)

चर्चा में क्यों 

14 नवम्बर 2025 को बाल दिवस एवं जवाहर लाल नेहरु की 125 वीं जयंती के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा श्रद्धांजलि दी गई।

जवाहरलाल नेहरु : जीवन परिचय

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

  • जन्म: 14 नवंबर 1889, इलाहाबाद
  • पिता: मोतीलाल नेहरू, प्रसिद्ध वकील और स्वतंत्रता सेनानी
  • माता: स्वरूप रानी नेहरू
  • प्रारंभिक शिक्षा घर पर, उसके बाद
    • हैरो स्कूल (इंग्लैंड)
    • ट्रिनिटी कॉलेज, कैंब्रिज
    • इनर टेम्पल से विधि की शिक्षा
  • पश्चिमी आधुनिक विचारों, विज्ञान और उदारवाद का उन पर गहरा प्रभाव पड़ा। वहीं भारतीय संस्कृति और अध्यात्म ने उन्हें सांस्कृतिक दृष्टि प्रदान की।
  • निधन : 27 मई 1964; उनकी मृत्यु के बाद भारत ने एक दूरदर्शी नेता, राष्ट्रनिर्माता और विचारक को खो दिया।

स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका

जवाहरलाल नेहरू ने 1910 के दशक में भारत वापसी के बाद सक्रिय राजनीति शुरू की। उनकी राजनीतिक यात्रा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़कर तेजी से आगे बढ़ी।

मुख्य भूमिका

  • 1919: जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद राजनीति में सक्रिय भागीदारी
  • 1920-22: असहयोग आंदोलन
  • 1927: अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस, ब्रूसेल्स भारत का प्रतिनिधित्व
  • 1929: लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ प्रस्ताव का नेतृत्व
  • 1930–34: सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान कई बार जेल
  • 1942: भारत छोड़ो आंदोलन में गिरफ्तार

नेहरू का स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान राजनीतिक, वैचारिक और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहद महत्वपूर्ण रहा।

स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री

15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता के साथ नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने और 1964 तक लगातार इस पद पर बने रहे।

प्रधानमंत्री के रूप में प्रमुख कार्य

लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्थापना

  • चुनाव आयोग, योजना आयोग, इसरो की नींव, IITs
  • संसदीय लोकतंत्र की मजबूत परंपरा का निर्माण

आर्थिक नीति और विकास मॉडल

  • मिश्रित अर्थव्यवस्था मॉडल
  • भारी उद्योगों, सार्वजनिक क्षेत्र, वैज्ञानिक विकास पर बल
  • पंचवर्षीय योजनाओं की शुरुआत (1951)

विदेश नीति

नेहरू ने भारत की विदेश नीति को स्वतंत्र पहचान दी:

  • गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के संस्थापक नेताओं में शामिल
  • शांति, सह-अस्तित्व और पंचशील सिद्धांत का समर्थन
  • एशियाई और अफ्रीकी देशों के बीच सहयोग बढ़ाया

शिक्षा और विज्ञान

  • IIT, AIIMS, CSIR, DRDO जैसे संस्थानों की स्थापना
  • वैज्ञानिक चिंतन और आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा
  • बच्चों से विशेष लगाव के कारण बाल दिवस (14 नवंबर) की शुरुआत

प्रमुख उपलब्धियाँ

  • आधुनिक भारत के राजनीतिक, आर्थिक और वैज्ञानिक आधार का निर्माण
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की शांतिपूर्ण और स्वतंत्र विदेश नीति की स्थापना
  • सामाजिक आर्थिक न्याय के लिए समाजवादी झुकाव वाली नीतियाँ
  • औद्योगिक विकास, सार्वजनिक क्षेत्र की मजबूती, बड़े बांधों और ऊर्जा परियोजनाओं की शुरुआत
  • साहित्यिक योगदान : भारत की खोज, विश्व इतिहास की झलकियाँ, एक पिता के पुत्री के नाम पत्र; आदि

आलोचनाएँ

  • चीन-भारत युद्ध (1962) की कूटनीति
  • सार्वजनिक क्षेत्र पर अत्यधिक निर्भरता
  • तेजी से जनसंख्या वृद्धि के प्रति पर्याप्त ध्यान न देना
    • फिर भी, उनका योगदान भारत की दीर्घकालिक प्रगति में निर्णायक रहा।

निष्कर्ष

जवाहरलाल नेहरू भारत के राजनीतिक, आर्थिक और संस्थागत निर्माण के मूल स्तंभों में से एक रहे। उनके द्वारा स्थापित लोकतांत्रिक मूल्य, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, शिक्षा और विदेश नीति की बौद्धिक स्पष्टता आज भी समकालीन भारत की नीतियों को प्रभावित करती है।

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