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काइनेटिक और नॉन-काइनेटिक वॉरफ़ेयर

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया एवं सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसकी रोकथाम)

संदर्भ

रक्षा संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने हाइब्रिड युद्ध को वर्तमान वर्ष में विचार-विमर्श के लिए 17 प्रमुख विषयों में से एक के रूप में चिह्नित किया है। सशस्त्र बलों को काइनेटिक वॉरफ़ेयर (Kinetic Warfare) और नॉन-काइनेटिक वॉरफ़ेयर (Non-kinetic warfare) के खतरों के लिए तैयार रहने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

क्या होता है काइनेटिक वॉरफ़ेयर

  • काइनेटिक वॉरफ़ेयर युद्ध के पारंपरिक रूपों को संदर्भित करता है जिसमें शारीरिक बल एवं प्रत्यक्ष सैन्य कार्रवाई शामिल होता है।
  • इस प्रकार के युद्ध में हथियारों और युद्ध रणनीति के उपयोग के माध्यम से विशिष्ट उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किए गए सैन्य अभियानों की एक श्रृंखला शामिल है।
    • उदाहरण के लिए, वर्तमान समय में रूस एवं यूक्रेन के मध्य जमीनी स्तर पर दोनों सेनाओं के बीच होने वाले युद्ध को काइनेटिक वॉरफ़ेयर के रूप में समझा जा सकता है। 

काइनेटिक वॉरफ़ेयर के घटक 

  • पारंपरिक सैन्य बल (Conventional Military Forces): इसके अंतर्गत युद्ध अभियानों में थल सेना, वायु सेना एवं नौसेना इकाइयों को शामिल किया जाता है।
    • इसमें प्राय: गठित सैन्य इकाइयाँ और संरचित कमांड पदानुक्रम शामिल होते हैं।
  • हथियार प्रणाली (Weapons Systems): इसमें आग्नेयास्त्रों, तोपखाने, टैंकों, मिसाइलों एवं नौसेना के जहाजों सहित विभिन्न प्रकार के हथियारों का उपयोग किया जाता है।
    • इसमें वस्तुतः घातक (विनाशकारी) और गैर-घातक (दुर्बल या अक्षम करने वाला) दोनों विकल्प शामिल हो सकते हैं।
  • लड़ाकू अभियान (Combat Operations): इसमें आक्रामक हमले, रक्षात्मक युद्धाभ्यास एवं आतंकवाद रोधी अभियान जैसी विभिन्न सैन्य रणनीतियाँ शामिल होती हैं।
    • वस्तुतः ये ऑपरेशन बड़े पैमाने के युद्धों से लेकर छोटी-छोटी इकाइयों की झड़पों और विशेष अभियानों तक हो सकते हैं।

क्या होता है नॉन-काइनेटिक वॉरफ़ेयर 

  • नॉन-काइनेटिक वॉरफ़ेयर से तात्पर्य ऐसी रणनीतियों एवं युक्तियों से है जिनका उद्देश्य प्रत्यक्ष शारीरिक हिंसा के उपयोग के बिना सैन्य या राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करना है। 
  • यह एक विकासशील अवधारणा है, जो काइनेटिक वॉरफ़ेयर के विपरीत है और इसमें गैर-सैन्य हितधारक भी शामिल हो सकते हैं। 
  • नॉन-काइनेटिक वॉरफ़ेयर पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक घातक हो सकता है। ड्रोन हमला, पेजर विस्फोट, डिवाइसेस में विस्फोट आदि घटनाओं को नॉन-काइनेटिक वॉरफ़ेयर के उदाहरण के रूप में देखा जा सकता है। 

नॉन-काइनेटिक वॉरफ़ेयर के घटक 

  • साइबर युद्ध (Cyber Warfare): इसमें कंप्यूटर सिस्टम, नेटवर्क एवं महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे (जैसे- पावर ग्रिड, वित्तीय सिस्टम आदि) पर हमले शामिल हैं।
    • वस्तुतः तकनीकों में हैकिंग, डाटा उल्लंघन एवं मैलवेयर अटैक इसके प्रमुख तत्व हैं। 
  • मनोवैज्ञानिक ऑपरेशन (PSYOPS) : इसमें लक्षित आबादी या दुश्मन बलों की धारणाओं और व्यवहारों को प्रभावित करने या हेरफेर करने, संदेह या भय पैदा करने के लिए प्रचार, गलत सूचना अभियान, अफवाह एवं अन्य लक्षित संदेश शामिल हो सकते हैं।
  • प्रभाव संचालन (Influence Operations): इसमें किसी दूसरे देश में जनमत या राजनीतिक परिणामों को आकार देने के उद्देश्य से की जाने वाली गतिविधियों को शामिल किया जाता है। यह प्राय: सोशल मीडिया या अन्य संचार चैनलों के माध्यम से संचालित होता है।
  • आर्थिक युद्ध (Economic Warfare) : इसके अंतर्गत किसी प्रतिद्वंद्वी की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए प्रतिबंध, व्यापार प्रतिबंध या वित्तीय हेरफेर करना शामिल है। 
  • कूटनीतिक पैंतरेबाज़ी (Diplomatic Maneuvering) : इसके तहत किसी विरोधी को अलग-थलग करने या उनके खिलाफ गठबंधन बनाने के लिए कूटनीति का उपयोग करना शामिल है, जिसमें प्राय: अंतरराष्ट्रीय संस्थानों का लाभ उठाना शामिल है।
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