राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति, 2022 (National Geospatial Policy)
- यह भारत सरकार द्वारा 28 दिसंबर, 2022 को अधिसूचित एक महत्वपूर्ण नीति है जिसका उद्देश्य देश में भू-स्थानिक (Geospatial) डाटा एवं सेवाओं के क्षेत्र में संपूर्ण स्वदेशी क्षमताओं का विकास, आर्थिक प्रगति व डिजिटल प्रशासन को सशक्त बनाना है।
- प्रमुख उद्देश्य:
- भारत को भू-स्थानिक सूचना व सेवा के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनाना
- आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भू-स्थानिक क्षेत्र में साकार करना
- डिजिटल भारत, स्मार्ट सिटी, आपदा प्रबंधन, कृषि, बुनियादी ढांचा, पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में भू-स्थानिक तकनीक का बेहतर उपयोग
नीति की मुख्य विशेषताएँ
- डाटा लोकतंत्रीकरण : निजी कंपनियों, स्टार्टअप्स एवं अकादमिक संस्थानों को भू-स्थानिक डाटा एकत्र, सृजित व प्रसारित करने की अनुमति
- स्वदेशी क्षमताओं का विकास : भू-स्थानिक अवसंरचना और उद्योगों का सृजन एवं GIS, GNSS, Drone Mapping, Remote Sensing जैसे क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देना
- राष्ट्रीय भू-स्थानिक डाटा रजिस्ट्री : यह एक एकीकृत प्लेटफॉर्म है जिसमें सभी भू-स्थानिक डाटा सेटों को मानकीकरण व गुणवत्ता नियंत्रण के साथ संग्रहीत किया जाएगा।
प्रमुख संबंधित पहलें:
- स्वामित्व (SVAMITVA) योजना : ग्रामीण संपत्ति का डिजिटल अभिलेख
- भुवन (Bhuvan) पोर्टल : इसरो का राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग प्लेटफॉर्म
- गगन एवं नाविक (GAGAN & NAVIC): भारत की स्वदेशी GNSS प्रणालियाँ
- Know Your DIGIPIN व PIN Code पोर्टल : भू-स्थानिक पता आधारित सेवाएँ
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