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‘जलवाहक’ योजना की शुरुआत

चर्चा में क्यों?

Shri-Sarbananda-Sonowal

  • केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने 'जलवाहक' योजना शुरुआत की।
  • इसका उद्देश्य अंतर्देशीय जलमार्गों की व्यापार क्षमता को खोलने के साथ-साथ रसद लागत को कम करना और सड़क और रेल नेटवर्क पर भीड़-भाड़ कम करना है।
  • इस योजना को राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (गंगा), 2 (ब्रह्मपुत्र) और 16 (बराक नदी) पर टिकाऊ और लागत प्रभावी परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
  • केंद्रीय मंत्री ने जीआर जेट्टी से एमवी एएआई, एमवी होमी भाभा और एमवी त्रिशूल के साथ दो डंब बार्ज अजय और दीखू को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

‘जलवाहक’ योजना

  • इसे प्रमुख शिपिंग कम्पनियों, माल भाड़ा अग्रेषणकर्ताओं और व्यापार निकायों के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं को अनुकूलित करने के लिए तैयार किया गया है।
  • इस योजना के तहत जलमार्गों के माध्यम से 300 किलोमीटर से अधिक दूरी तक माल परिवहन करने वाले कार्गो मालिकों को परिचालन लागत पर 35 प्रतिशत तक की प्रतिपूर्ति मिलेगी।
  • यह योजना तीन वर्षों तक वैध रहेगी।
  • इस योजना से पश्चिम बंगाल से पटना, बनारस और गुवाहाटी तक जलमार्ग से माल की ढुलाई लागत में कमी आएगी।
  • इस योजना को भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण और भारतीय शिपिंग निगम की अनुषंगी कंपनी अंतर्देशीय और तटीय शिपिंग लिमिटेड (आईसीएसएल) द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित किया जाएगा।
  • यह निश्चित समय वाली नौकायन सेवा कोलकाता-पटना-वाराणसी और कोलकाता-पांडु (गुवाहाटी) मार्गों के बीच जहाजों को चलाएगी।

राष्ट्रीय जलमार्गों की प्रदर्शन क्षमता

  • सरबानंद सोनोवाल के अनुसार "पुनर्जीवित राष्ट्रीय जलमार्गों ने अपनी प्रदर्शन क्षमता में काफी सुधार किया है।
  • इसके माध्यम से परिवहन किए गए कार्गो की कुल मात्रा 2013-14 में 18.07 मिलियन एमटी से बढ़कर 2023-24 में 132.89 मिलियन एमटी हो गई है।
    • यह 600% से अधिक की वृद्धि दर्ज कर रही है। 
  • वर्ष 2030 तक जलमार्गों के माध्यम से 200 मिलियन एमटी कार्गो परिवहन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

भारत में अंतर्देशीय जल परिवहन

Inland-water-transport

  • इसका अर्थ है नदियों, नहरों, झीलों, और अन्य नौगम्य जल निकायों के ज़रिए लोगों, माल, और सामग्री का परिवहन।
  • यह कोयला, लौह अयस्क, सीमेंट, खाद्यान्न, और उर्वरक जैसे थोक माल के परिवहन का एक किफ़ायती तरीका है।  
  • भारत में अंतर्देशीय जलमार्गों के कुछ उदाहरण-
    • गंगा-भागीरथी-हुगली नदियां, ब्रह्मपुत्र नदी, बराक नदी, गोवा की नदियां, केरल के बैकवाटर, मुंबई में अंतर्देशीय जल, और गोदावरी-कृष्णा नदियों के डेल्टाई क्षेत्र 
  • इस परिवहन को बढ़ावा देने के लिए, राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के तहत 111 अंतर्देशीय जलमार्गों को 'राष्ट्रीय जलमार्ग' घोषित किया गया है।
    • इन जलमार्गों की कुल लंबाई 20,275 किलोमीटर है।

प्रश्न. राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के तहत कितने अंतर्देशीय जलमार्गों को 'राष्ट्रीय जलमार्ग' घोषित किया गया है?

(a) 100

(b) 101

(c) 111

(d) 118

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