इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑस्ट्रिया (ISTA) और गूगल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने ‘LICONN’ (Light-microscopy-based Connectomics) नामक एक नई तकनीक विकसित की है जो मस्तिष्क की जटिल तंत्रिका संरचना (Neural Connectivity) को बेहद उच्च सटीकता से समझकर उसका विस्तृत मानचित्रण करता है।
क्या है LICONN तकनीक
- LICONN तकनीक एक ऐसी पद्धति है जिसमें पारंपरिक प्रकाश सूक्ष्मदर्शी (Light Microscope) का प्रयोग करते हुए मस्तिष्क ऊतक की संरचना को नैनोस्केल स्तर (20 नैनोमीटर से भी कम) पर अध्ययन किया जाता है।
- इस प्रक्रिया में न केवल न्यूरॉनों एवं सिनैप्स (Synapses) को देखा जा सकता है, बल्कि उनमें उपस्थित विशिष्ट प्रोटीनों को भी एक साथ पहचाना जा सकता है।
- सिनैप्स ऐसे विशिष्ट बिंदु होते हैं जहाँ न्यूरॉन्स संचार करते हैं तथा कोशिकाओं के बीच विद्युतीय एवं रासायनिक संकेतों के संचरण को सुगम बनाते हैं।

तकनीक की प्रमुख विशेषताएँ एवं कार्यप्रणाली
- हाइड्रोजेल विस्तार विधि का उपयोग : इस तकनीक में मस्तिष्क के ऊतक को एक विशेष हाइड्रोजेल में डाला जाता है जो पानी के संपर्क में आने पर लगभग 16 गुना तक फैलता है। इससे ऊतक की बारीक संरचनाएं प्रकाश सूक्ष्मदर्शी से भी स्पष्ट दिखने लगती हैं।
- आणविक लेबलिंग (Molecular Labeling) : फ्लोरोसेंट डाई (Fluorescent Dye) की मदद से न्यूरॉन्स एवं सिनैप्स में मौजूद प्रोटीनों को रंगित किया जाता है जिससे उनकी पहचान व अध्ययन आसान हो जाता है।
- AI आधारित रिकंस्ट्रक्शन (AI-Powered Reconstruction) : गूगल के डीप लर्निंग मॉडल की सहायता से संपूर्ण न्यूरल नेटवर्क का 3D मानचित्र तैयार किया जाता है। यह मैन्युअल एनालिसिस की तुलना में अत्यंत तीव्र व सटीक है।
संभावनाएँ एवं अनुप्रयोग
- मानव मस्तिष्क का अध्ययन : LICONN तकनीक भविष्य में मानव मस्तिष्क के नेटवर्क को समझने व न्यूरोलॉजिकल रोगों (जैसे- अल्ज़ाइमर, ऑटिज़्म) की जड़ों तक पहुँचने में मदद कर सकती है।
- अन्य अंगों पर प्रयोग : इस तकनीक को हृदय, यकृत जैसे जटिल अंगों की ऊतक संरचना को समझने के लिए भी अनुकूलित किया जा सकता है।
- शोध संस्थानों की पहुँच में वृद्धि : चूँकि यह तकनीक सामान्य प्रकाश सूक्ष्मदर्शियों से भी काम करती है, इसलिए यह छोटे विश्वविद्यालयों व संस्थानों के लिए भी सुलभ हो सकती है।