New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM Independence Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 15th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM Independence Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 15th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM

यू.के. द्वारा मताधिकार की आयु सीमा में कमी

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-1; भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ। शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय।)

संदर्भ 

ब्रिटेन सरकार ने महत्त्वपूर्ण चुनावी सुधारों का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, जिसमें मतदान की आयु 18 वर्ष से घटाकर 16 वर्ष करना और राजनीतिक चंदे से संबंधित कानूनों को कठोर करना शामिल है।

सुधारों का उद्देश्य

 चुनाव कानूनों का आधुनिकीकरण करना, जनता का विश्वास बढ़ाना और चुनाव प्रचार के वित्तपोषण में डिजिटल युग की चुनौतियों का समाधान करना।

मुख्य प्रस्ताव

मतदान की आयु 16 वर्ष करना

  • स्कॉटलैंड और वेल्स से प्रेरित (यहाँ पहले से ही स्थानीय चुनावों में 16 वर्ष की आयु में मतदान की अनुमति है)।
  • उद्देश्य लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी बढ़ाना।
  • राजनीतिक रूप से जागरूक युवाओं को नागरिक कर्तव्यों में जल्दी शामिल करने का प्रयास।

राजनीतिक चंदे के लिए कठोर प्रावधान 

  • विदेशी दान पर सीमा और स्रोतों की कठोर जाँच का प्रस्ताव।
  • पारदर्शिता में वृद्धि के साथ ही घरेलू राजनीति में विदेशी हस्तक्षेप को रोकना।
  • बड़ी राशि में दान के लिए विस्तृत रिपोर्टिंग और रीयल-टाइम ट्रैकिंग अनिवार्य करना।

राजनीतिक वित्तीय पारदर्शिता में वृद्धि

  • राजनीतिक दलों को प्राप्त दान के लिए सख्त ऑडिटिंग और जवाबदेही का सामना करना पड़ सकता है।
  • दान ट्रैकिंग का वित्त विनियमन के लिए नए तकनीकी उपकरण के रूप में उपयोग।

महत्त्व 

  • चुनावी अखंडता और लोकतांत्रिक समावेशिता को मजबूत करता है।
  • वैश्विक रुझानों के अनुरूप शासन में युवा सशक्तीकरण पर बल।
  • इस डिजिटल युग में राजनीति में विदेशी प्रभाव को लेकर बढ़ती चिंताओं का समाधान।

भारत के लिए निहितार्थ

शासन में युवाओं की भागीदारी

  • ब्रिटेन का सुधार लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी पर ज़ोर देता है। ऐसे में भारत इससे सीख लेकर : 
    • स्थानीय शासन, युवा संसदों और नागरिक तकनीकी मंचों में युवाओं की भूमिका का विस्तार कर सकता है।
    • जानकार युवा मतदाताओं को तैयार करने के लिए राजनीतिक शिक्षा में सुधार पर बल दिया जा सकता है।
  • मतदान की आयु घटाकर 16 वर्ष करने पर विचार-विमर्श का आधार
    • वर्तमान में भारत में मतदान की आयु 18 वर्ष है। (61वें संविधान संशोधन (1988) द्वारा मतदान की आयु 18  वर्ष से घटा 21 वर्ष किया गया था।
  • स्कूली पाठ्यक्रम में राजनीतिक शिक्षा को शामिल करने की आवश्यकता।
  • भारत में युवा नागरिकों की लोकतांत्रिक भागीदारी बढ़ाने पर बहस छिड़ सकती है।

राजनीतिक वित्तीय पारदर्शिता पर बल 

  • भारत को राजनीतिक वित्तपोषण में, विशेष रूप से चुनावी बांड के कारण, अस्पष्टता का सामना करना पड़ रहा है।
  • ब्रिटेन का कदम भारत को वित्त पोषण स्रोतों का पता लगाने के लिए और अधिक मजबूत कानून बनाने के लिए प्रेरित कर सकता है। 
  • राजनीतिक दलों को दिए गए दान का वास्तविक समय पर खुलासा
  • भारत के चुनाव अभियान वित्तपोषण तंत्र की न्यायिक या संसदीय समीक्षा को गति प्रदान कर सकता है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X