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मैनिस इंडोबर्मेनिका

(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, पर्यावरण एवं पारिस्थिकी)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)

संदर्भ 

  • भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI) के वैज्ञानिकों ने पैंगोलिन की एक नई प्रजाति की पहचान की है जो लगभग 3.4 मिलियन वर्ष पहले चीनी पैंगोलिन (मैनिस पेंटाडैक्टाइला) से अलग हुई थी।
  • इस प्रजाति के माइटोकॉन्ड्रियल जीनोम का विश्लेषण करने के लिए अत्याधुनिक जीनोमिक उपकरणों का उपयोग किया गया।

पैंगोलिन की नई प्रजाति के बारे में 

  • नाम : मैनिस इंडोबर्मानिका (Manis indoburmanica) (इंडो-बर्मीज़ पैंगोलिन)
  • खोज स्थल : अरुणाचल प्रदेश 
  • उद्भव : प्लियोसीन एवं प्लीस्टोसीन युगों के दौरान जलवायु व भूवैज्ञानिक परिवर्तनों के प्रभाव से पृथक रूप से विकसित 
  • विस्तार : भारत में अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ हिस्सों में   
    • भारत के अलावा इसका विस्तार नेपाल, भूटान एवं म्यांमार तक है।

नई खोज का महत्व

  • यह पैंगोलिन संरक्षण में एक नया आयाम जोड़ती है, जो अवैध शिकार और आवास क्षरण जैसे खतरों से उनके आवासों की रक्षा के महत्व को उजागर करती है।
  • इससे पैंगोलिन की विकासात्मक विविधता की अधिक जानकारी और क्षेत्र-विशिष्ट संरक्षण प्रयासों की आवश्यकता को बल मिलता है।
  • पैंगोलिन दुनिया भर में सबसे ज़्यादा तस्करी किए जाने वाले स्तनधारियों में से एक है। ऐसे में इस प्रजाति की अलग पहचान इसके पूरे क्षेत्र में सहयोगात्मक संरक्षण उपायों की ज़रूरत को दर्शाता है।

पैंगोलिन के बारे में 

  • वैश्विक स्तर पर प्रजातियों की संख्या :
    • इनमें से 4 अफ्रीका और 4 एशिया में पाई जाती हैं। 
  • भारत में पैंगोलिन प्रजातियों की संख्या : दो 
    • भारतीय पैंगोलिन (मैनिस क्रैसिकौडाटा) और चीनी पैंगोलिन (मैनिस पेंटाडैक्टाइला)  
    • भारतीय पैंगोलिन बांग्लादेश, भारत, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका में पाए जाते हैं।
  • विशेषताएँ : त्वचा पर बड़े केराटिन स्केल वाले एकमात्र ज्ञात स्तनधारी और बिना दांत वाले रात्रिचर
  • अन्य नाम : स्केली एंटीटर
  • विश्व पैंगोलिन दिवस : वर्ष 2012 से प्रतिवर्ष फरवरी के तीसरे शनिवार को
  • भारत में पैंगोलिन : आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल 
  • संरक्षण स्थिति 
    • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अंतर्गत चीनी पैंगोलिन एवं भारतीय पैंगोलिन अनुसूची I में सूचीबद्ध
    • अंतर्राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति व्यापार अभिसमय (CITES) : सभी पैंगोलिन प्रजातियां परिशिष्ट I में सूचीबद्ध
    • अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की लाल सूची वर्गीकरण :
      • चीनी पैंगोलिन : अतिसंकट ग्रस्त (CR) 
      • भारतीय पैंगोलिन : संकटग्रस्त (EN)
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